दोपहिया वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है. खासकर ग्रामीण इलाकों में एंट्री लेवल टू-व्हीलर मेकर्स की बढ़ती पहुंच के कारण ऐसा हुआ है. भारत ने इसी वजह से 2023 में चीन से भी अधिक दोपहिया वाहनों की बिक्री की. साल 2023 में भारत ने 1.71 करोड़ दोपहिए वाहन बेचे तो चीन में महज 1.66 करोड़ दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई. यह सरकारी आंकड़े हैं, जिसे हाल ही में SIAM ने जारी किए हैं.
पीएलआई स्कीम का काफी लाभ
भारत सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. 15 सितंबर 2021 को उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने पीएलआई योजना शुरू की. योजना में 25,938 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. योजन का उद्देश्य है कि अडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नॉलजी (AAT) प्रोडक्ट्स का देश में ही निर्माण बढ़ाना है. सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश को आकर्षित करना चाहती है. केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के अनुसार, टू-व्हीलर पांच कंपनियों को योजना के तहत 26 नवंबर तक मंजूरी दी जा चुकी है.
सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भी बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है. योजना 15 मार्च को शुरू की गई थी. इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनियों को इस योजना से फायदा होगा. योजना के तहत, मंजूरी पाने वाले निर्माता 15 फीसद कम सीमा शुल्क पर पूरी तरह से तैयार गाड़ियां आयात कर पाएंगे. सरकार की योजना से इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार बनाने के प्लांट बनाने में मदद की जाएगी.
भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के डेवलप होने की उम्मीद
केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि 28 नवंबर तर पीएलआई ऑटो योजना के तहत 82 आवेदकों को मंजूरी मिल गई है. इन आवेदकों के पास पूरे भारत में कई मैन्यूफैक्चरिंग सुविधाएं और इंजीनियरिंग रिसर्च और डिजाइन यूनिट हैं. इन सभी प्रयासों की मदद से भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेजी से विकास होने की उम्मीद है. सरकार इन योजनाओं से नौकरियों के अवसर को भी बढ़ाएगी. अर्थव्यवस्था को इससे मजबूती मिलेगी.