'LAC पर हालात सामान्य, अब सीमा विवाद सुलझाने पर जोर', विदेश मंत्री जयशंकर ने लोकसभा में दी जानकारी

S Jaishankar on India-China Relation: भारत और चीन के रिश्ते पिछले साढ़े चार साल से बेहद तनावपूर्ण रहे हैं. हालांकि अक्टूबर में शांति समझौते के बाद दोनों देशों के हालात सामान्य हो रहे हैं. मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी.

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Suhel Khan
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S Jaishankar in LS

लोकसभा में चीन मुद्दे पर विदेश मंत्री जयशंकर का बयान (Sansad TV)

S Jaishankar on India-China Relation: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में मंगलवार को चीन मुद्दे के बारे में जानकारी दी. इससे पहले सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर को चीन मुद्दे पर बयान देना था लेकिन सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया.  जिसके बाद विदेश मंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में चीन के साथ संबंधों को लेकर जानकारी दी.

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मंगलवार को लोकसभा में लंच के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, स्पीकर ओम बिरला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर का नाम लिया. उसके बाद विदेश मंत्री ने संसद में पूरी टाइमलाइन के साथ चीन के साथ जारी तनाव को लेकर जानकारी साझा की. इस दौरान विदेश मेंत्री जयशंकर ने कहा कि अब चीन के साथ हालात सामान्य हैं.

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'पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से हुआ डिसएंगेजमेंट'

बता दें कि जून 2020 में पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग में भारत और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें दोनों देशों के कई सैनिकों की जान चली गई थी. उसके बाद से ही दोनों देशों के संबंध हो गए थे. लेकिन इस साल अक्टूबर में दोनों देशों के बीच हुई शांति वार्ता के बाद हालात सामान्य होने लगे. इसे लेकर मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में जानकारी दी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कि पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से डिसएंगेजमेंट हो चुका है और भारत-चीन संबंधों में कुछ सुधार देखने को मिला है.

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विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की अगली प्राथमिकता तनाव को कम करना जारी रखना होगी. विदेश मंत्री ने कहा कि, "हाल के घटनाक्रम हमाी लगातार कूटनीतिक कोशिशों को दर्शाते हैं. ये भारत-चीन संबंधों को कुछ सुधार की दिशा में लेकर पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि, "पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से डिसएंगेजमेंट हो चुका है. मैं सदन को भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में हाल के कुछ घटनाक्रमों और हमारे बायलेट्रल संबंधों पर उनके प्रभाव के बारे में बताने के लिए खड़ा हुआ हूं."

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'चीनी कार्रवाई से बाधित हुई थी शांति और स्थिरता'

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा बताया कि, 'सदन जानता है कि 2020 से हमारे संबंध असामान्य रहे हैं. तब चीन की कार्रवाईयों के चलते सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बाधित हुई थी. हमारे निरंतर कूटनीतिक प्रयासों से अब संबंधों में सुधार हो रहा है.' विदेश मंत्री ने कहा कि, "यह सदन जानता है कि चीन ने 1962 के युद्ध और उससे पहले की घटनाओं में अक्साई चीन के 38,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया था. इसके अलावा पाकिस्तान ने 1963 में 5,180 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र अवैध रूप से चीन को सौंप दिया था. भारत और चीन ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई दशकों से बातचीत की है."

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