PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में विज्ञान भवन में श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच ऐतिहासिक संवाद की शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया. बता दें कि ये ऐतिहासिक संवाद 12 मार्च 1925 को तब हुआ था जब महात्मा गांधी शिवगिरी मठ पहुंचे थे. महात्मा गांधी और श्री नारायण गुरु के बीच ये बातचीत वैकोम सत्याग्रह, धर्मांतरण, अहिंसा, छुआछूत की समाप्ति, मोक्ष की प्राप्ति और दलितों के उत्थान जैसे विषयों को लेकर हुई थी.
पीएम मोदी का संबोधन
समारोह के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, "ये परिसर देश के इतिहास की अभूतपूर्ण घटना को याद करने का साक्षी बन रहा है, एक ऐसी ऐतिहासिक घटना जिसने न केवल हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी, बल्कि स्वतंत्रता के उद्देश्य को, आजाद भारत के सपने को ठोस मायने दिए, सौ साल पहले श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की वो मुलाकात आज भी उतनी ही प्रेरक और उतनी ही प्रासंगिक है."
टश्री नारायण गुरु के आदर्श पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी पूंजीट
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, '100 साल पहले हुई वो मुलाकात सामाजिक समरसता के लिए, विकसित भारत के सामूहिक लक्ष्यों के लिए आज भी ऊर्जा के बड़े स्रोत की तरह है.' पीएम मोदी ने कहा कि, श्री नारायण गुरु के आदर्श पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी पूंजी है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि, "देश और समाज की सेवा के संकल्प पर काम करते हैं श्री नारायण गुरु उनके लिए प्रकाश स्तंभ की तरह है."
समाज के शोषित, पीड़ित, वंचित वर्ग से मेरा नाता- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, आप सभी जानते हैं कि समाज के शोषित, पीड़ित, वंचित वर्ग से मेरा किस तरह का नाता है. इसलिए मैं आज भी समाज के इस वर्ग के लिए बड़े निर्णय लेता हूं तो मैं गुरुदेव के जरूर याद करता हूं. सौ साल पहले के वे सामाजित हालत सदियों की गुलामी के कारण आई विक्रतियां लोग उस दौर में उन बुराईयों के खिलाफ बोलने से डरते थे. लेकिन श्री नारायण गुरु ने विरोध की परवाह नहीं की, वो कठिनाईयों से नहीं डरे."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 'श्री नारायण गुरु का विश्वास समरसता और समानता में था, उनका विश्वास सत्य सेवा और सौहार्दय में था यही प्रेरणा हमें सबका साथ, सबकि विकास का रास्ता दिखाती है. यही विश्वास हमें उस भारत के निर्माण के लिए ताकत देता है, जहां अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति हमारी पहली प्राथमिकता है.
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