Bihar Voter List Review: बिहार में मतदाता सूचियों के "विशेष गहन पुनरीक्षण" के भारतीय चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को सुनवाई करेगा. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, गोपाल शंकरनारायणन और शादान फरासत ने जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष संयुक्त रूप से मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की थी.
अब तक चार याचिकाएं की गईं दायर
अभी तक चार याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें राजद सांसद मनोज झा, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL), कार्यकर्ता योगेंद्र यादव और लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा ECI के इस फैसले को चुनौती दी गई है.
इस मामले पर आगे की सुनवाई के लिए 10 जुलाई का इंतजार है.
मामले की जल्द सुनवाई की मांग
बता दें कि बिहार में मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है. जिसे 'विशेष गहन पुनरीक्षण' कहा जा रहा है. चुनाव आयोग के इस फैसले को कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चुनाव से पहले इस अभियान को चलाना गैरजरूरी है. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, गोपाल शंकरनारायणन और शादान फरासत ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्दी सुनवाई करने की मांग की.
याचिकाकर्ताओं ने न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की बेंच के समक्ष इस मामले को रखा है. इस मामले में वकीलों ने शीर्ष अदालत से जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी वकीलों की बात मान ली है और अब इस मामले में शीर्ष अदालत 10 जुलाई को सुनवाई करेगी.
ये भी पढ़ें: पाकिस्तानी जासूस ज्योति मल्होत्रा को लेकर एक और खुलासा, सरकारी खर्चे पर की थी यहां की यात्रा
ये भी पढ़ें: PM मोदी ने एआई पर मिलकर काम करने का किया आह्वान, BRICS देशों को दिया 'AI इम्पैक्ट सम्मेलन' का आमंत्रण