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Supreme Court (ANI)
Bihar SIR Case: बिहार SIR मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां प्रक्रिया पर सवाल उठा रही हैं. देश भर में हंगामा कर रही हैं लेकिन अब आयोग के सामने अब तक एक भी आपत्ति उन्होंने दर्ज नहीं करवाई है. वह भी तक जब राजनीतिक दलों के बिहार में एक लाख 61 हजार से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट हैं. एक बीएलए एक दिन में 10 आपत्तियां या फिर सुझाव का सत्यापन दाखिल कर सकता है. बता दें, अब मामले में अगली सुनवाई आठ सितंबर को होगी.
Bihar SIR Case: सुप्रीम कोर्ट ने जताई हैरानी
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों की निष्क्रियता पर हैरानी जताई है. अदालत ने सवाल किया है कि बीएलए होने के बाद भी वे लोग क्या कर रहे हैं. लोगों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं में इतनी दूरी क्यों है. राजनीतिक दलों को वोटरों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए. बता दें, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने मामले की सुनवाई की. आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कई सारी दलीलें दी हैं.
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Bihar SIR Case: चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर प्रकाशित की सूची
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आयोग से कहा था कि वे उन 65 लाख लोगों की सूची दें, जिनके नाम ड्रॉफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किए गए हैं. आयोग को निर्देश दिए गए थे कि आखिरकार उनके नाम ड्राफ्ट में शामिल क्यों नहीं किया गया है. आयोग ने सर्वोच्च अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया है. ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल न होने वाले करीब 65 लाख लोगों की सूची आयोग ने अपने वेबसाइट पर जारी कर दी है.
Bihar SIR Case: मनोज झा की ओर से पेश हुए मनोज झा
बता दें, कपिल सिब्बल ने बताया कि वे आरजेडी के मनोज झा की ओर से पेश हुए हैं. वहीं अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि वे 7 राजनीतिक पार्टियों की ओर से पेश हुए हैं. आयोग के वकील का कहना है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी ने लिखित में अपनी आपत्ति जमा नहीं कराई है.