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संघ प्रमुख मोहन भागतव Photograph: (ANI)
RSS Vijayadashami Utsav 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के सौ साल पूरे हो गए. इस अवसर पर गुरुवार (2 अक्टूबर) को नागपुर में आरएसएस ने अपना शताब्दी विजयादशमी उत्सव मनाया. जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी उपस्थित रहे. पूर्व राष्ट्रपति इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए.
इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागतव ने वहां उपस्थित संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि. अंतरराष्ट्रीय संबंध भारत के लिए जरूरी हैं लेकिन उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए मजबूरी नहीं हैं. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में पहलगाम हमले से लेकर नक्सलियों तक का जिक्र किया. मोहन भागवत ने कहा कि पहलगाम हमले में धर्म पूछकर भारतीयों को मारा गया. उन्होंने कहा कि सरकार और सेना ने पूरी तैयारी के साथ इस हमले का जवाब दिया.
मोहन भागवत ने किया पहलगाम हमले का जिक्र
विजयादशमी समारोह को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम हमले से लेकर नक्सलियों तक का जिक्र किया. मोहन भागवत ने कहा कि पहलगाम हमले में धर्म पूछकर भारतीयों को मारा गया. उन्होंने कहा कि सरकार और सेना ने पूरी तैयारी के साथ इस हमले का जवाब दिया. मोहन भागवत ने प्रयागराज में हुए महाकुंभ का भी उल्लेख किया.
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि, आज महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है. उन्होंने कहा कि भक्ति समर्पण और देश सेवा के ये बड़े उदाहरण है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत और राष्ट्रीय चरित्र कैसा होना चाहिए इसके आदर्श उदाहरण हमें मार्गदर्शन करते हैं. संघ प्रमुख ने कहा कि आज की परिस्थिति पर अगर में विचार करते हैं तो हमें पता चलता है कि ये परिस्थिति भी हमसे इसी प्रकार के जीवन की अपेक्षा कर रही है.
महाकुंभ ने देश में श्रद्धा और एकता की लहर दौड़ा दी- मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, परिस्थिति एक जैसी नहीं होती उसके तमाम रूप होते हैं. जिसमें बहुत कुछ अच्छा होता है. बीते साल में हमारी आशाओं और विश्वास को दृण करता है. उन्होंने कहा कि हमारे सामने पुरानी और नई चुनौतियां उपस्थित हैं, उनको अधिक स्पष्ट करने वाली भी वही कालीवधि है. मोहम भागवत ने कहा कि जैसे प्रयागराज में विशाल महाकुंभ हुआ. जिसने आधुनिक व्यवस्थापन के सभी कीर्तिमान तोड़कर पूरे भारत में श्रद्धा और एकता की लहर दौड़ा दी.
पहलगाम हमले का किया जिक्र
उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि, एक दुर्घटना पहलगाम में भी हुई. सीमापार के आतंकियों ने हमला किया. 26 भारतीयों की उनका धर्म पूछकर हत्या कर दी गई. लेकिन उसके चलते पूरे देश में भारी दुख क्रोध की लहर पैदा हो गई. सरकार और हमारी सेना ने पूरी तैयारी के साथ उसका जवाब दिया. जिसमें हमारे नेतृत्व की दृढ़ता, हमारी सेना का शौर्य, कौशल और समाज की एकता और दृढता की तस्वीर नजर आई. उन्होंने आगे कहा कि इस घटना ने हमें सिखाया कि हम सभी के साथ मित्र भाव रखेंगे लेकिन हमें अपनी सुरक्षा के लिए अधिक सजग रहने की जरूरत है.