Parliament Winter Session: वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर आज संसद में 10 घंटे होगी चर्चा, पीएम मोदी करेंगे बहस की शुरुआत

Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र में आज (8 दिसंबर) ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होने पर विशेष बहस आयोजित की गई है. प्रधानमंत्री मोदी और कई वरिष्ठ नेता इसमें हिस्सा लेंगे, जहां गीत के ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा होगी.

Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र में आज (8 दिसंबर) ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होने पर विशेष बहस आयोजित की गई है. प्रधानमंत्री मोदी और कई वरिष्ठ नेता इसमें हिस्सा लेंगे, जहां गीत के ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा होगी.

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Deepak Kumar
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Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र इस समय जारी है. इसी सत्र के दौरान आज, यानी 8 दिसंबर को राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर एक विशेष बहस का आयोजन किया गया है. इस बहस में वंदे मातरम् से जुड़े कई ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण तथ्य साझा किए जाएंगे, जिनके बारे में आम जनता को बहुत कम जानकारी है.

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समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 12 बजे लोकसभा में इस बहस की शुरुआत करेंगे. उनके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दूसरा भाषण देंगे और बहस का समापन भी वे ही करेंगे. वहीं राज्यसभा में बहस की शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए जाने की संभावना है.

10 घंटे होगी चर्चा

लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार, वंदे मातरम् पर यह बहस 10 घंटे चलेगी. माना जा रहा है कि इस दौरान विभिन्न दलों के नेताओं के बीच राजनीतिक टकराव भी हो सकता है, क्योंकि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर वंदे मातरम् के कुछ छंद हटाने का आरोप लगाया था.

कांग्रेस के नेता भी रखेंगे अपनी बात

बहस के दौरान कांग्रेस पार्टी की ओर से 8 नेता बोलेंगे. इनमें गोरव गोगोई, प्रियंका वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, बिमोल अकोइजाम, प्रणीति शिंदे, प्रशांत पडोले, चमाला रेड्डी और ज्योत्सना महंत शामिल हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बहस काफी विस्तृत और प्रभावशाली होने वाली है.

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वंदे मातरम् की ऐतिहासिक यात्रा

आपको बता दें कि वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ 7 नवंबर 2025 को मनाई गई थी. बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने इस गीत की रचना की थी और इसे पहली बार 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ में प्रकाशित किया गया. बाद में 1882 में यह उपन्यास ‘आनंदमठ’ का हिस्सा बना. रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया और आजादी की लड़ाई के दौरान यह गीत स्वतंत्रता सेनानियों का प्रेरणास्रोत बन गया.

हालांकि, 24 जनवरी 1950 को भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया. ऐसे में यह चर्चा वंदे मातरम् के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व को याद करने का अनोखा अवसर माना जा रहा है.

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