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कोरोना वायरस पर अब बेनकाब होगा चीन, जांच को लेकर भारत ने कही बड़ी बात

दुनिया के तमाम देशों का मानना है कि चीन के वुहान में कोरोना वायरस का निर्माण किया गया है, और वैज्ञानिकों की लापरवाही से वायरस फैल गया. अब अमेरिका ने लैब से कोरोना वायरस की उत्पत्ति की थ्योरी की जांच नए सिरे से शुरू कर दी है.

Updated on: 29 May 2021, 01:51 PM

highlights

  • अमेरिका ने शुरू की कोरोना उत्पत्ति की जांच
  • भारत ने भी इस जांच का समर्थन किया
  • चीन के वुहान शहर में सबसे पहले फैला था कोरोना

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखा है. इस महामारी (COVID-19) ने पूरी दुनिया में ऐसा तांडव मचाया कि इससे अरबों लोग प्रभावित हुए तो करोड़ों लोगों की जान चली गई. दिसबंर 2019 में ये खतरनाक वायरस सबसे पहले चीन के वुहान (Wuhan) शहर में फैला था, उसके बाद इसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. दुनिया के कई मुल्कों का मानना है कि चीन ने इस वायरस को लैब में तैयार किया है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी मानना है कि ये मानव निर्मित वायरस है, और इसकी जांच होनी चाहिए. हालांकि चीन हमेशा से ही इसका कड़ा विरोध करता रहा है. वहीं इस वाद-विवाद से भारत अभी तक दूर था, लेकिन अब भारत ने भी जांच का समर्थन किया है. 

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कोरोना वायरस कहां से निकला, इस पर बहस जनवरी 2020 में ही छिड़ गई थी. चीन ने पहले इन्कार किया और फिर कुबूल किया कि यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है. दुनिया के तमाम देशों का मानना है कि चीन के वुहान में कोरोना वायरस का निर्माण किया गया है, और वैज्ञानिकों की लापरवाही से वायरस फैल गया. अमेरिका ने लैब से कोरोना वायरस की उत्पत्ति की थ्योरी की जांच नए सिरे से शुरू कर दी है. मौजूदा कोरोना वायरस को लेकर सबसे पहले संदेह गया चीन के वुहान शहर की लैब- इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलाजी पर. इस लैब में चमगादड़ों पर शोध किया जाता है. साल 2002 में सार्स-कोव-1 वायरस भी यहीं से निकला था, जिसकी वजह से दुनियाभर में करीब 774 लोगों की मौत हो गई थी. इस प्रयोगशाला की कमान बैट वायरसों पर विशेषज्ञता रखने वाली शी झेंग-ली संभाल रही हैं, इन्हें चीन में बैट लेडी भी कहा जाता है. 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुफिया एजेंसियों को 90 दिनों के अंदर ये पता लगाने का आदेश दिया है कि कोरोना वायरस कहां से फैला. इसके अलावा अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री ने साफ तौर पर WHO से कहा था कि कोरोना की उत्पत्ति कहां से हुई, इसकी जांच का अगला चरण पारदर्शी होना चाहिए. हालांकि इस आदेश के बाद चीन चिढ़ा हुआ है. अमेरिका में चीनी राजदूत ने कहा कि कोरोना पर राजनीति करने से बहुत ही बुरा असर पढ़ेगा.

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वहीं अब वायरस की उत्पत्ति की जांच को लेकर पहली बार भारत ने भी खुलकर प्रतिक्रिया दी है. अब भारत सरकार ने भी इस फैसले का समर्थन किया है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक कोरोना की उत्पत्ति पर वैश्विक अध्ययन एक अच्छा फैसला है. इससे कोरोना के बारे में और ज्यादा जानकारी मिल सकेगी. इसके अलावा वैज्ञानिक भी इसका सटीक इलाज खोज पाएंगे. भारत ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि कोरोना के ओरिजिन की जांच के लिए WHO के साथ जांच में सभी पक्षों का सहयोग जरूरी है.