logo-image
लोकसभा चुनाव

क्या अध्यक्ष पद से हटेंगीं सोनिया गांधी? कांग्रेस नेताओं ने कहा- ये एक अफवाह

संभावित उम्मीदवार को लेकर अनौपचारिक रूप से पार्टी के अंदर बातचीत होती रही, लेकिन हुआ कुछ नहीं. क्या इस बार भी ऐसा ही होगा? क्या फिर पार्टी में यथास्थिति बनी रहेगी?

Updated on: 23 Aug 2020, 08:52 PM

नई दिल्‍ली:

राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में बगावत झेल चुकी 'दिशाविहीन' कांग्रेस पार्टी (Congress Party) में एक बार फिर से नेतृत्व का मुद्दा चर्चाओं में है. पिछले चुनाव के बाद से पार्टी ऑटो पायलट मोड पर चल रही है. पार्टी के कई नेता ये सवाल पूछ रहे हैं कि पार्टी का बॉस कौन है - सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) या प्रियंका गांधी वाड्रा? कोई स्पष्टता नहीं होने से कांग्रेस नेता अब खुल कर नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर सवाल उठा रहे हैं. पिछले साल नेतृत्व के मुद्दे पर टकराव के बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया ताकि पार्टी में यथास्थिति बनी रहे. उसके बाद से नए नेतृत्व का चुनाव अब तक नहीं हो पाया है.

वहीं, संभावित उम्मीदवार को लेकर अनौपचारिक रूप से पार्टी के अंदर बातचीत होती रही, लेकिन हुआ कुछ नहीं. क्या इस बार भी ऐसा ही होगा? क्या फिर पार्टी में यथास्थिति बनी रहेगी? पिछली बार चर्चा थी कि पार्टी में एक कार्यकारी अध्यक्ष होगा और क्षेत्रीय स्तर पर उपाध्यक्ष होंगे जो पार्टी में जान फूंकने का काम करेंगे. ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योंकि पार्टी 'फैमिली फस्ट' सोच का शिकार हो गई.

कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में चल रहे हैं ये नाम
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए जो नाम चल रहे हैं, उनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का भी नाम शामिल है जो सचिन पायलट की बगावत झेल चुके हैं. गहलोत के पास संगठन का अनुभव भी है. इसके अलावा कमल नाथ हैं, जनकी अग्निपरीक्षा मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में होगी. रेस में पिछली लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, हरियाणा के भूपिंदर हुड्डा और मनीष तिवारी भी हैं.

तो क्या अब कांग्रेस की कमान गैर गांधी परिवार के हाथ में जाएगी?
जानकारों का मानना है कि पार्टी में अब गैर गांधी परिवार के नेता के अध्यक्ष पद बनने का वक्त आ गया है. ये बात इससे भी साफ हो जाती है कि राहुल गांधी ने ही 2019 चुनाव में हार के बाद इसके लिए मांग की थी. पार्टी के संगठन को मजबूत करना और चुनाव के जरिए पार्टी के पदों पर नियुक्ति एक बड़ी चुनौती है, जिसके लिए गहलोत की क्षमता को नकारा नहीं जा सकता. गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने तक पार्टी के महासचिव (संगठन) थे. अगर गहलोत अध्यक्ष बनते हैं तो सचिन पायलट के लिए राजस्थान में रास्ता साफ हो सकता है. गहलोत को अहमद पटेल और राहुल गांधी दोनों नेताओं का समर्थन प्राप्त है और वो एक सबकी सहमति से बनने वाले अध्यक्ष हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें-कांग्रेस को पूरी तरह बदल दें... 23 बड़े नेताओं का सोनिया गांधी को पत्र

राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पार्टी 'सस्पेंडेंड एनीमेशन' में
अगर ऐसा नहीं हुआ और यथा स्थिति बनी रही तो 'फैमिली फस्ट' वाली सोच फिर से हावी हो सकती है. आने वाले समय में बिहार में चुनाव हैं उसके बाद पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम, केरल, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में मतदान. देश की सबसे पुरानी पार्टी दिशाहीन फिलहाल बनी हुई है और के रल, पंजाब और असम को छोड़ कर देश के अन्य भागों में इसकी उपस्थिति न के बराबर है. लोकतंत्र में एक मजबूत विपक्ष का होना भी उतना ही जरूरी है. लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष पद बनने से इनकार करने के बाद कांग्रेस पार्टी 'सस्पेंडेंड एनीमेशन' में है. अब वक्त आ गया है कि पार्टी खुद अपने अंदर लोकतंत्र को जीवित करे और 'फैमिली फस्ट' की मानसिकता से बाहर निकले. अगर इस साल भी ऐसा ही हुआ, जैसा पिछले साल हुआ था तो पार्टी और कमजोर हो सकती है.

यह भी पढ़ें-'पीएम मोदी को राहुल गांधी से डर लगता है, इसलिए उन्हें ही कांग्रेस का अध्यक्ष बनना चाहिए'

कांग्रेस नेताओं ने बताया अफवाह
मीटिंग से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि 23 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा माननीय सीपी को पत्र लिखने वाला समाचार अविश्वसनीय है और अगर यह सच है - तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इस बात को मीडिया में जाने की कोई आवश्यकता नहीं थी. मेरा दृढ़ता से मानना ​​है कि माननीय सीपी श्रीमती सोनिया गांधी जी को पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए.

यह भी पढ़ें-सोनिया गांधी छोड़ सकती हैं कांग्रेस अध्यक्ष का पद! कहा- पार्टी को नया अध्यक्ष चुनना चाहिए

पंजाब के सीएम कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने किया विरोध
पंजाब के सीएम कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने के लिए कुछ कांग्रेस नेताओं की आवाज का पुरजोर विरोध किया है. कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मौजूदा समय एकजुट होकर बीजेपी नीत एनडीए से मुकाबला करने का है ना कि इस तरह के मुद्दे उठाना जिससे विपक्ष को और ज्यादा मजबूती मिले. हम ऐसी अफवाहों पर ध्यान देने की बजाए अपने काम पर फोकस करें.

यह भी पढ़ें-CM गहलोत की मांग, सोनिया गांधी के बाद अब राहुल गांधी संभालें कांग्रेस

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने पत्र पर जताया संदेह
सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने का विरोध करने वाले कुछ नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित पत्र को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय को देखते हुए यह पत्र संदेहास्पद है हालांकि पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी ऐसी हरकतों से बार-बार कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है.