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पंजाब के कैप्टन अमरिंदर क्या कृषि कानून को वापस करा कर बाज़ी पलट पाएंगे ?

केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को लाए हुए एक साल हो गया है. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे को लेकर तमाम सवाल भी उठाये जा रहे है. कहा जा रहा है कि इस दौरान वह जेपी नड्डा और होम मिनिस्टर अमित शाह से भी मिलने वाले हैं.

Updated on: 29 Sep 2021, 11:19 AM

highlights

  • कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे पर
  • ऐसे संकट को कैप्टन अमरिंदर सिंह ही मैनेज कर सकते हैं
  • सोनिया गांधी पहले से जानती थी की नवजोत सिंह सिंधु इस्तीफा देंगे

New Delhi:

केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को लाए हुए एक साल हो गया है. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे को लेकर तमाम सवाल भी उठाये जा रहे है. कहा जा रहा है कि इस दौरान वह जेपी नड्डा और होम मिनिस्टर अमित शाह से भी मिलने वाले हैं. इस बीच पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से भी एक नया ड्रामा शुरू हो गया है. कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे को लेकर पंजाब के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वे तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसी बड़ी पहल के पर चर्चा करने दिल्ली पहुंचे है. माना जा रहा है कि वे किसान आंदोलन खत्म कराने में एक अहम भूमिका निभा सकते है.  

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वही दूसरी तरफ कांग्रेस के नेताओं की चिंता और ज्यादा बढ़ गयी है, क्युकि कैप्टन अमरिंदर सिंह की टीम ने तमाम कयासों को खारिज कर दिया है, यही नहीं सिद्धू के इस्तीफे के बाद कांग्रेसियों का भी एक बड़ा वर्ग है, जो मानता है कि ऐसे संकट को कैप्टन अमरिंदर सिंह ही मैनेज कर सकते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि गांधी परिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह को बुलाकर पंजाब संकट पर भी चर्चा करनी चाहिए वहीं कुछ कांग्रेसियों का कहना है कि सोनिया गांधी पहले से जानती थी की नवजोत सिंह सिंधु इस्तीफा देंगे. 

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बता दें की कैप्टन अमरिंदर सिंह सिंह पुरे जोश में दिल्ली में दिखाए दे रहे है. दिल्ली पहुंचने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मैं यहां सीएम के तौर पर मिला कपूरथला हाउस खाली करने के लिए आया हूं. इसके बाद मैं अपने घर जाऊंगा. लेकिन इसके बाद भी यह कयास जोरों पर हैं कि तीन नए कृषि कानूनों के चलते केंद्र और किसानों के बीच बने गतिरोध को दूर कराने में अहम रोल अदा करते हुए वह नई पारी की तलाश में हैं, कहा जा रहा है कि यदि वह इन कानूनों को वापस कराने  में सफल रहे तो पंजाब में उनकी सफल पारी शुरू होगी. जहाँ राज्य में भाजपा के लिए हालात बदल सकते है वहीं कांग्रेस पर भी खुलकर हमलावर हो सकता है.