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मप्र में पोषण आहार के सात संयंत्र स्व-सहायता समूहों के जिम्मे

मप्र में पोषण आहार के सात संयंत्र स्व-सहायता समूहों के जिम्मे

Updated on: 29 Sep 2021, 11:10 AM

भोपाल:

मध्य प्रदेश सरकार ने पोषण आहार के लिए संचालित सात संयंत्रों के संदर्भ में बड़ा फैसला लिया है और अब इन संयंत्रों को म.प्र. एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड से वापस लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मध्यप्रदेश राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को सौंपे जाने के संबंध में निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार की देर शाम को मंत्रालय मे हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में यह पोषण आहार के संयंत्र स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को देने का फैसला हुआ।

उल्लेखनीय है कि मार्च 2018 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की आंगनबाड़ियों में गर्भवती व धात्री माताओं, छह माह से तीन वर्ष के बच्चों तथा किशोरी बालिकाओं के लिए पोषण आहार देने का कार्य स्व-सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा किये जाने के लिए सात रेडी टू ईट टेकहोम राशन (टीएचआर) संयंत्रों की स्थापना का निर्णय लिया गया था। उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में देवास, धार, होशंगाबाद, मण्डला, सागर, शिवपुरी एवं रीवा में संयंत्र स्थापित किए गए। इन सभी संयंत्रों से (भोपाल संभाग के जिले छोड़कर) प्रदेश के अन्य सभी जिलों में टीएचआर दिया जा रहा है। टीएचआर उत्पादन एवं प्रदायगी कार्य राज्य आजीविका फोरम द्वारा गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को सौंपा गया था। संयंत्रों से प्रदेश के बहुतायत महिला स्व-सहायता समूह एवं उनके परिसंघ जुड़े हैं। संयंत्रों के जरूरी कार्यो में प्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराने के साथ संयंत्रों के लाभांश में भी उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

पूर्व मध्यप्रदेश शासन के निर्णय पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश पर सात संयंत्रों का प्रबंधकीय कार्य मध्य प्रदेश एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवेलेपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया था।

मंत्रि-परिषद ने खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में उपार्जित धान की मिलिंग के लिए शेष मात्रा 3.82 लाख टन एवं खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 की 1250 टन धान को भारत शासन द्वारा केन्द्रीय पूल में मान्य नहीं करने के कारण मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को मिलिंग के लिए उनके पास शेष रही मात्रा ई-ऑक्शन के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए विक्रय करने की अनुमति दी।

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के विशेष संदर्भ में उनके सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने आवश्यक सुझाव एवं अनुशंसाएं राज्य सरकार को प्रस्तुत किये जाने के लिए गठित मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के गठन का अनुसमर्थन का निर्णय लिया।

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