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देखें तस्वीरें, सुकमा में 25 जवान शहीद, आखिर क्यों बौखलाए हैं नक्सली, कैसे दिया हमले को अंजाम

छत्‍तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्‍सली हमले की हर तरफ आलोचना हो रही है। इस हमले में 25 जवान शहीद हो गए हैं।

Updated on: 25 Apr 2017, 03:14 PM

नई दिल्ली:

छत्‍तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्‍सली हमले की हर तरफ आलोचना हो रही है। इस हमले में 25 जवान शहीद हो गए हैं। घटना के बाद हर तरफ इसकी निंदा हो रही है।

घटना को लेकर खुफिया तंत्र की नाकामी के साथ जोड़कर इसे देखा जा रहा है। दबे स्वर में यह भी चर्चा हो रही है कि आखिर किस तरह 300 नक्‍सलियों की मूवमेंट या गतिविधियों पर सुरक्षा बलों या खुफिया तंत्र की नजर नहीं पड़ी।

नक्‍सलियों ने अपने चिर-परिचित अंदाज में इस कायराना हरकत को अंजाम दिया। यानी कि उन्‍होंने बड़ी संख्‍या में जमा होकर हमला करने की रणनीति अपनाई।

सुकमा में 25 जवान शहीद
सुकमा में 25 जवान शहीद

बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के 99 जवान दुर्गापाल कैंप से रवाना हुए। चिंतागुफा पहुंचने के बाद ये जवान दो ग्रुपों में बंट गए। जवानों को सड़क निर्माण प्रोजेक्‍ट के लिए रास्‍ते की कांबिंग का काम सौंपा गया था।

देखें तस्वीरें, सुकमा में 25 जवान शहीद, कैसे किया हमला
देखें तस्वीरें, सुकमा में 25 जवान शहीद, कैसे किया हमला

जवानों के इस मुवमेंट का पता लगाने के लिए नक्‍सलियों ने स्‍थानीय गांववालों को लोकेशन के बारे में पता लगाने के लिए भेजा। जैसे ही नक्सलियों को सही लोकेशन मिला। तभी चिंतागुफा-बुर्कापाल-भेजी इलाके के पास घात लगाकर हमला किया।

कौन कौन हुए हैं शहीद
कौन कौन हुए हैं शहीद

हमले से पहले नक्‍सली छोटे-छोटे समूहों में बंट गए थे। जिसके बाद उन्‍होंने सोमवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे हमला किया। इसके तहत सबसे पहले एक आईईडी ब्‍लास्‍ट किया गया। उसके बाद नक्‍सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।

सुकमा में 25 जवान शहीद, आखिर क्यों बौखलाए हैं नक्सली
सुकमा में 25 जवान शहीद, आखिर क्यों बौखलाए हैं नक्सली

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नक्सली इलाके में विकास के काम से बौखलाए हुए हैं। छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, बंगाल और मध्य प्रदेश के नक्सलियों के प्रभाव वाले 44 जिलों में 5,412 किमी सड़क निर्माण परियोजना को मंजूरी दी गई है। माना जा रहा है कि नक्‍सलियों ने हमले में AK-47 हथियारों का इस्‍तेमाल किया। निर्माणकार्यों से ये नक्सली खतरा महसूस करते हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री के मुताबिक- नक्सलवाद विकास विरोधी है और लोकतांत्रिक समाज में इसका कोई जगह नहीं है।