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कौन है मल्लिकार्जुन खड़गे, कैसे पाया ये मुकाम ?

कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर घमासान जारी है ,इस बीच अब कांग्रेस के वरिष्ट नेता और राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

Updated on: 30 Sep 2022, 02:21 PM

नई दिल्ली :

कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर घमासान जारी है ,इस बीच अब कांग्रेस के वरिष्ट नेता और राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया है. मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटका के कलबुर्गी के रहने वाले है और कर्नाटका के सबसे कदावर दलित नेताओ में उनकी गिनती होती है .खड़गे ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूवारत कॉलेज से ही की थी. जब उन्होंने छात्र संघ का चुनाव जीता था , इसके बाद उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की और कलबुर्गी में वकालत शुरू की. इसी दौरान वो संयुक्त मजदूर संघ से जुड़े और मजदूरों के हितों के लिए लड़ाई लड़ी. इसके बाद 1969 में कांग्रेस में शामिल हुवे और महज तीन साल बाद 1972 में उन्हें गुरमित्कल से विधानसभा चुनाव की टिकट मिली. ख़ड़गे ने चुनाव जीत लिया और फिर 2008 तक खड़गे ने लगातार 9 बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया. इस दौरान वो कर्नाटका के गृह मंत्री भी बने और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

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 साल 2009 में मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया और दो बार लोकसभा चुनाव जीत गए ,इस दौरान वो रेल मंत्री और शर्म मंत्री  भी बने , लेकिन 2019 में वो चुनाव हार गए पर इस बीच वो अपनी पहचान गांधी परिवार के लॉयलिस्ट के तौर पर बना चुके थे. ,लिहाजा  एक साल बाद ही उन्हें  राज्य सभा से सांसद  बनाया गया और फिर राज्य सभा में उन्हे विपक्ष के नेता की ज़िमेदारी दी गई.

पिछले एक दशक में कांग्रेस जब भी मुश्किल में थी तो मल्लिकार्जुन खड़गे पर कांग्रेस आलाकमान ने भरोसा जताया. साथी ही वो उस पर खरे उतरे.  अगर खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बन  जाते हैं तो इसका फायदा कांग्रेस को न केवल कर्नाटका में मिलेगा बल्कि दूसरे राज्यों में भी होगा .क्योंकि उनकी पहचान एक ऐसे कदवार दलित नेता की है जिसकी पकड़  अपनी जाती पर मजबूत मानी जाती है.