Advertisment

मई-जून में पड़ने वाली है प्रचंड गर्मी, लू के थपेड़े झेलने को हो जाएं तैयार, IMD ने जारी किया अलर्ट

Weather forecast: उत्तर-पूर्व प्रायद्वीपीय भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तरी अंदरूनी कर्नाटक तथा महाराष्ट्र और ओडिशा में इस बार अधिक लू चलेगी.

author-image
Suhel Khan
New Update
heatwave

Heatwave ( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Weather forecast: दिल्ली-एनसीआर में शनिवार को हुई बारिश के बाद एक बार फिर से ठंड का अहसास होने लगा. लेकिन फरवरी के मध्य से ही मौसम में हुए बदलाव से लोगों को गर्मी महसूस होने लगी थी. इसी बीच मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि इस बार गर्मियों के दिनों में प्रचंड गर्मी पड़ने वाली है. यही नहीं देश के ज्यादातर हिस्से को लंबे समय तक गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ेगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के मुताबिक, भारत में इस साल सामान्य से अधिक गर्मी और अधिक लू वाले दिनों का पूर्वानुमान है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार कम से कम मई तक अल नीनो की स्थिति जारी रहेगी.

ये भी पढ़ें: 'मुझे राजनीतिक दायित्वों से मुक्त कर दें', लोकसभा चुनाव से पहले गौतम गंभीर ने राजनीति छोड़ने का बनाया मन

मार्च में हो सकती है सामान्य से ज्यादा बारिश

इसके साथ ही मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार मार्च के महीने में देश में सामान्य से अधिक बारिश (दीर्घकालिक औसत 29.9 मिलीमीटर के 117 प्रतिशत से अधिक) होने का अनुमान है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि भारत में मार्च से मई की अवधि में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. महापात्रा के मुताबिक, मार्च से मई तक, उत्तर-पूर्व भारत, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीप और पश्चिमी तट को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में लू वाले दिनों की संख्या सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है.

देश के इन राज्यों में चलेगी अधिक लू

आईएमडी निदेशक महापात्रा के मुताबिक, उत्तर-पूर्व प्रायद्वीपीय भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तरी अंदरूनी कर्नाटक तथा महाराष्ट्र और ओडिशा में इस बार अधिक लू चलेगी. इन राज्यों में अधिक दिनों तक लू चलने का पूर्वानुमान है. उन्होंने कहा कि मार्च में उत्तर और मध्य भारत में लू की स्थिति बनने की संभावना है. महापात्रा ने कहा कि अलनीनो गर्मी के पूरे दिनों में बना रहेगा. इसके साथ ही उसके बाद स्थिति सामान्य रहेगी. बता दें कि अलनीनो मध्य प्रशांत महासागर में समुद्री जल के नियमित अंतराल पर गर्म होने की स्थिति को कहा जाता है.

ये भी पढ़ें: Income Tax Raid: तंबाकू कारोबारी के यहां से मिली 2.5 करोड़ की घड़ी, 7 करोड़ रुपए नकद, दौलत देख रह जाएंगे दंग

ला-नीना का भी दिखेगा असर

मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार ला-नीना परिस्थिति मानसून सत्र के उत्तरार्ध में बनने की संभावना है. जो भारत में अच्छी मानसूनी बारिश का संकेत है. आईएमडी प्रमुख के मुताबिक, भारत में इस साल फरवरी का औसत न्यूनतम तापमान 14.61 डिग्री सेल्सियस रहा. जो 1901 के बाद इस महीने में दूसरा सबसे अधिक न्यूनतम तापमान है. इस बार फरवरी में कुल आठ पश्चिमी विक्षोभ ने पश्चिमी हिमालयी राज्यों के मौसम को प्रभावित किया है. इनमें से छह सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ भी शामिल थे. इनके असर से उत्तर और मध्य भारत के मैदानी इलाकों में बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि भी हुई.

ये भी पढ़ें: 'बंगाल के लोगों को गरीब बनाए रखना चाहती है टीएमसी', कृष्णानगर में बोले PM मोदी

Source : News Nation Bureau

Weather Updates IMD Update Weather Update imd alert heatwave Heatwave Alert
Advertisment
Advertisment
Advertisment