logo-image

भारत-रूस संबंधों को नई ऊर्जा देने आ रहे हैं पुतिन, इसलिए खास है यह दौरा

रूसी राष्ट्रपति के दौरे के दौरान रेसीप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट (आरईएलओएस) पर भी हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.

Updated on: 06 Dec 2021, 06:41 AM

highlights

  • दोनों की दो साल बाद हो रही है आमने-सामने मुलाकात
  • रक्षा, ऊर्जा समेत कई अहम मुद्दों पर होना है समझौता
  • एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत-रूस साझेदारी होगी मजबूत

नई दिल्ली:

परस्पर रिश्तों को नई ऊर्जा और आयाम देने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) सोमवार को भारत दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान वह  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ 21वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे. राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की दो साल बाद आमने-सामने की यह पहली मुलाकात होगी. पुतिन के इस भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच एके 203 राइफलों के भारत में निर्माण समेत पांच अहम क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. इसमें ऊर्जा समेत समुद्री परिवहन को सुगम बनाने संबंधी क्षेत्र शामिल हैं. गौरतलब है अमेरिका की आपत्ति के बीच इसी माह रूस भारत को एस-400 (S-400) डिफेंस सिस्टम की भी आपूर्ति करने जा रहा है.

आरईएलओएस पर समझौते की उम्मीद
रूसी राष्ट्रपति के दौरे के दौरान रेसीप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट (आरईएलओएस) पर भी हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. इस तरह के समझौते ईंधन और अन्य प्रावधानों तक आपसी आधार पर पहुंच को सुविधाजनक बनाने में सेना के लिए काफी मददगार साबित होते हैं. शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करेंगे.

यह भी पढ़ेंः क्रिसमस और न्यू ईयर के सेलिब्रेशन पर कितना होगा Omicron वेरिएंट का असर?

विदेश मंत्रियों की 2+2 वार्ता वाला रूस बनेगा चौथा देश
यही नहीं, लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को दूसरा बढ़ावा दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच पहली 2+2 वार्ता के रूप में मिलेगा. रूस चौथा देश बन जाएगा जिसके साथ भारत यह वार्ता करेगा. इससे पहले भारत अन्य तीन क्वाड पार्टनर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ इस तरह की वार्ता कर चुका है. पहली ‘टू प्लस टू’ रक्षा और विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता में दोनों पक्षों के अफगानिस्तान में स्थिति और लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों समेत आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर भी बातचीत करने की संभावना है. 

यह भी पढ़ेंः ओमीक्रॉन के बीच आयी बड़ी खबर, अब यह दवा करेगी कोरोना का खात्मा

पुतिन को लद्दाख सीमा विवाद की जानकारी देंगे पीएम मोदी
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भारत, रूस को विभिन्न क्षेत्रीय घटनाक्रम पर अपनी चिंताओं के साथ ही पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर अपना रुख भी बता सकता है. विवाद को हल करने में रूस की संभावित भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि भारत का हमेशा से मानना है कि मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करना चाहिए. उन्होंने बताया कि रूस में कोविड-19 के मौजूदा हालात के बावजूद राष्ट्रपति पुतिन का भारत की यात्रा करने का फैसला यह दिखाता है कि वह भारत के साथ संबंध को कितनी महत्ता देते हैं.