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दिल्ली में प्रदूषण से विजिबिलिटी कम, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बिहार में दिख रही जीत

दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में फिलहाल इक्का दुक्का कांग्रेस कार्यकर्ता ही नजर आ रहें है, लेकिन उनके मुताबिक, शुरूआती रुझानों को देखते हुए ये जनता की जीत है. उनका कहना है कि इस बार कांग्रेस बिहार में 35 से 40 सीटें जीतेगी.

Updated on: 10 Nov 2020, 10:19 AM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में भले ही प्रदूषण से कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. वहीं दिल्ली में प्रदूषण की वजह से विजिबिलिटी भी कम है लेकिन बिहार विधानसभा की 243 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है और कांग्रेस कार्यकतार्ओं को बिहार में महागठबंधन की जीत यहीं से नजर आ रही है. शुरूआती रुझानों में महागठबंधन भाजपा से आगे चल रहा है. दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में फिलहाल इक्का दुक्का कांग्रेस कार्यकर्ता ही नजर आ रहें है, लेकिन उनके मुताबिक, शुरूआती रुझानों को देखते हुए ये जनता की जीत है. उनका कहना है कि इस बार कांग्रेस बिहार में 35 से 40 सीटें जीतेगी.

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बिहार में तीन चरणों में कराए गए थे मतदान 
दरअसल बिहार में इस बार तीन चरणों में मतदान कराए गए. पहले चरण में 28 अक्तूबर को 71 सीटों के लिए मतदान हुआ, दूसरे चरण में तीन नवंबर को 94 सीटों के लिए और तीसरे चरण में सात नवंबर को 78 सीटों के लिए मतदान हुआ. बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए मैजिक नंबर 122 है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है.

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बता दें कि बिहार में हुए विधानसभा चुनाव के कई एक्जिट पोल के नतीजों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन की जीत की संभावना जताई गई है. अगर राजद नेता तेजस्वी यादव मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करते हैं, तो वह उस वर्ग में शामिल होने वाले दूसरे नेता होंगे, जिनके परिवार से तीसरा मुख्यमंत्री बनेगा. भारत में 'वंशवाद' की राजनीति को लेकर बहुत बहस हुई है, लेकिन ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां दादा-पिता-पुत्र, पिता-पुत्र और पिता-पुत्री ने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में कार्य किया है.