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महात्‍मा गांधी को किसने सिखाई अंग्रेजी और किस खेल के थे दिवाने, 12 अनसुनीं कहानियां

आपको ये नहीं मालूम होगा कि राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) का सबसे प्रिय खेल कौन था? वो सबसे ज्‍यादा किससे प्रेरित थे? ऐसे कई सारे सवाल हैं जिनका जवाब सामान्‍य आदमी के पास नहीं होगा. आइए जानें ऐसे ही बापू की 12 अनसुनी बातें.

नई दिल्‍ली:

150th Birth anniversary of Mahatma Gandhi: वैसे हिंदुस्‍तान के लगभग सभी लोग महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बारे में इतना तो जरूर जानते हैं कि उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) का जन्म 2 अक्टूबर को पोरबंदर में हुआ था. वो अहिंसा के पुजारी थे. उन्‍होंने अंग्रेजों को भारत से भगाया, लेकिन आपको ये नहीं मालूम होगा कि राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) का सबसे प्रिय खेल कौन था? वो सबसे ज्‍यादा किससे प्रेरित थे? ऐसे कई सारे सवाल हैं जिनका जवाब सामान्‍य आदमी के पास नहीं होगा. आइए जानें ऐसे ही बापू की 12 अनसुनी बातें.

  1. महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) को अंग्रेजी सिखाने वाला आयरलैंड का वासी था. महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) बहुत ही सामान्य अंग्रेजी बोलते थे. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कुछ अंग्रेज पत्रकार महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) के पास आए और उनका इंटरव्यू अंग्रेजी में लेने लगे. इस पर महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) हिंदी में बोले मेरा देश अब आजाद हो गया है. अब मैं हिंदी में ही बात करूंगा.
  2. बापू के बचपन के साथी रतीलाल के मुताबिक भले ही मोहनदास करमचंद गांधी को स्कूली दिनों में व्यायाम में दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन क्रिकेट में वे अव्वल रहते थे. गांधीजी गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों थे.
  3. महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) को भगवान महावीर, महात्मा बुद्ध और भगवान श्रीकृष्ण पसंद थे. उनके पास हमेशा गीता रहती थी जबकि वे महावीर स्वामी के पंचमहाव्रत और महात्मा बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का पालन करते थे.
  4. महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) को सबसे ज्यादा अमेरिका के प्रसिद्ध दार्शनिक हेनरी डेविड थारो (1817-1862) ने प्रेरित किया. थोरो एक अमेरिकी ट्रांससीन्डेन्टलिस्ट, प्रकृतिवादी और राजनीतिक कार्यकर्ता थे. महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) का 'सविनय अवज्ञा आंदोलन' इन्हीं से प्रेरित था. थोरो को यह प्रेरणा इमर्सन के द्वारा भारतीय दर्शन से मिली थी.
  5. महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) के दूसरे प्रिय लेखक लियो टॉलस्टॉय थे. गांधीजी उनसे लगातार पत्र व्यवहार करते रहते थे. गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह संघर्ष के दौरान, जोहांसबर्ग से 21 मील दूर एक 1100 एकड़ की छोटी सी कालोनी में टॉलस्टॉय फार्म स्थापित किया था.
  6. वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन महान मानवतावादी अल्बर्ट श्वाइटज़र और अहिंसा के समर्थक महात्मा गांधी को सबसे ज्‍यादा पसंद करते थे. आइंस्टीन ने कहा था- ‘पश्चिम में अकेले अल्बर्ट श्वाइटज़र ही ऐसे हैं जिनका इस पीढ़ी पर उस तरह का नैतिक प्रभाव पड़ा है, जिसकी तुलना गांधी से की जा सकती हो. आइंस्टीन और महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) में पत्राचार भी होता था.
  7. अमेरिका के महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) कहे जाने वाले मार्टिन लूथर किंग जूनियर भी महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) से प्रेरित थे. अपनी आत्मकथा में मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने अपने विचारों और कार्यों पर महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) के प्रभाव के बारे में काफी विस्तार से लिखा है. 1955-56 में किंग जूनियर की भागीदारी वाला प्रसिद्ध मांटगोमरी बस बहिष्कार आंदोलन महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) के असहयोग आंदोलन और सत्याग्रह से ही प्रेरित था. साउथ अफ्रीका का नेल्सन मंडेला भी गांधी से प्रभावित थे.
  8. महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) अपने जीवन में प्रत्येक दिन 18 किलोमीटर चलते थे जो कि उनके जीवन काल में धरती के 2 चक्कर लगाने के बराबर था. वे अपनी सेहत के प्रति सजग थे और 110 वर्ष जीना चाहते थे. वह अपने पेट की गर्मी छांटने के लिए उस पर गिली मिट्टी की पट्टियां बांधते थे.
  9. गांधीजी कभी अमेरिका नहीं गए और ना ही कभी प्लेन में बैठे. गांधीजी को फोटो खिंचवाने का बिलकुल भी शौक नहीं था लेकिन आजादी के दौरान सबसे ज्यादा उनके ही फोटो खिंचे गए थे.
  10. रेलयात्रा के दौरान एक बार महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) का एक जूता नीचे गिर गया. उन्होंने अपना दूसरा जूता भी फेंक दिया. जब बगल के यात्री ने कारण पूछा तो वे बोले एक जूता मेरे किसी काम नहीं आएगा. कम से कम मिलने वाले को तो दोनों जूते पहनने का मौका मिलेगा.
  11. जिन लोगों की राइटिंग अच्छी नहीं है ऐसे समझदार लोग अपने बचाव में कहते हैं कि गांधीजी की भी राइटिंग अच्छी नहीं थी. महात्‍मा गांधी (Mahatma Gandhi) की राइटिंग सचमुच बहुत अच्छी नहीं थी. इसलिए वे सदैव इस बारे में चिंतित रहते थे.
  12. 1896 में दक्षिण अफ्रीका के डरबन के पुलिस सुपरिंटेंडेंट आर.सी. अलेक्जेंडर की पत्नी सारा अलेक्जेंडर वहां से न गुजर रही होतीं तो गोरों की हिंसक भीड़ गांधी की हत्या कर दी होती.