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केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल AIIMS में भर्ती, CBSE 12वीं बोर्ड परीक्षा पर टल सकता है फैसला

कोरोना वायरस महामारी को मात देने के करीब महीनेभर बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की तबीयत बिगड़ गई है.

Updated on: 01 Jun 2021, 02:15 PM

highlights

  • अप्रैल में कोरोना संक्रमित हुए थे रमेश पोखरियाल
  • इलाज के बाद वायरस से उबरे थे शिक्षा मंत्री
  • आज तबीयत बिगड़ने में दिल्ली AIIMS में भर्ती

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस महामारी को मात देने के करीब महीनेभर बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की तबीयत बिगड़ गई है. रमेश पोखरियाल निशंक को पोस्ट कोविड दिक्कतों की वजह से आज दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है. एम्स के अधिकारी ने निशंक को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की पुष्टि की है. डॉक्टरों ने फिलहाल निशंक का उपचार शुरू कर दिया है.  एम्स के अधिकारियों ने बताया कि डॉ निशंक की जांच की जा रही है. फिलहाल स्वास्थ्य को लेकर कोई गंभीर प्रश्न सामने नहीं आए हैं.

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निशंक अप्रैल महीने के दौरान कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. 21 अप्रैल को वह कोरोना संक्रमित मिले थे.उन्होंने कोरोना नियमों का पालन करते हुए स्वयं को घर पर ही आइसोलेट कर लिया था. इस दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक उन्होंने उपचार लिया. हालांकि इलाज के बाद उस वक्त वह कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर गए थे. कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के उपरांत भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने विभिन्न डिजिटल माध्यमों के जरिए मंत्रालय का कामकाज संभालते रहे थे. लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने के बाद मंगलवार सुबह उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

गौरतलब है कि देश में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी के कारण मद्देनजर 10वीं की बोर्ड परीक्षा पहले ही रद्द की जा चुकी है. वहीं जेईई की परीक्षा स्थगित करने का फैसला भी किया जा चुका है. 12वीं की बोर्ड परीक्षा और जेईई (मुख्य) 2021 अप्रैल सत्र की तारीख भी अभी घोषित नहीं की जा सकी हैं. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक परीक्षा से कम से कम 15 दिन पहले छात्रों को इस बारे में सूचित किया जाएगा.

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गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की 12वीं की परीक्षाओं के विषय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई के बीच अहम बैठक होनी है. कई छात्र व संगठन 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं सीबीएसई यह परीक्षाएं करवाने की पक्षधर है. सहमति मिलने पर सीबीएसई 12 की बोर्ड परीक्षा में केवल चुनिंदा विषयों को ही शामिल करने का फैसला ले सकती है. इसके साथ ही परीक्षा का समय एवं प्रश्नों की संख्या भी कम की जा सकती है. हालांकि अभी इनमें से किसी भी विकल्प पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.