केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ( Union Minister Anurag Thakur ) ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर के 11.2 लाख से अधिक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को मिड-डे मील ( Midday Meal Scheme ) प्रदान करने के लिए पीएम पोषण योजना ( PM POSHAN scheme ) शुरू करने की मंजूरी दी है. यह योजना 5 साल तक चलेगी और इसमें 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम पोषण योजना मौजूदा मिड-डे मील योजना को समाहित कर देगी. यह योजना राज्य सरकारों के सहयोग से चलाई जाएगी लेकिन इसमें सबसे बड़ा योगदान केंद्र सरकार का होगा.
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आपको बता दें कि सरकार के इस योजना के तहत स्कूल के छात्रों को मिड-डे मील यानी दोपहर का भोजन सुनिश्चित किया जाएगा. ... जहां तक प्रधानमंत्री पोषण योजना की बात है तो मिड डे मिल के अलावा भी इसमें बहुत कुछ जोड़ा जाएगा तभी इसका खर्चे 1,31,000 करोड़ रुपए किया गया है. लाभ लेने वाले भी 11,20,000 से ज्यादा स्कूलों के करोड़ों छात्र होंगे. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 'बाल वाटिका' में भाग लेने वाले 1-5 वर्ष की आयु के प्री-स्कूल बच्चों को भी पीएम पोषण शक्ति निर्माण (पोशन) के तहत कवर किया जाएगा. इस योजना के तहत स्थानीय स्तर पर उगाए गए पौष्टिक खाद्यान्न को स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए सोर्स किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पांच साल की अवधि के लिए 'स्कूलों में राष्ट्रीय पीएम पोषण योजना' को जारी रखने की मंजूरी दी है. केन्द्र सरकार से 54,061.73 करोड़ रुपये और राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से 31,733.17 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ यह योजना 2021-22 से 2025-26 तक के लिए है. केन्द्र सरकार खाद्यान्न पर करीब 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत भी वहन करेगी. इस प्रकार योजना का कुल बजट 1,30,794.90 करोड़ रुपये होगा। बुधवार को सीसीईए ने 2021-22 से 2025-26 तक सरकारी और सरकारी सहायता-प्राप्त स्कूलों में पका हुआ गर्म भोजन उपलब्ध कराने के लिए पीएम पोषण योजना को मंजूरी दी. यह एक केन्द्र प्रायोजित योजना है, जिसमें सरकारी, सरकारी सहायता-प्राप्त स्कूलों की पहली कक्षा से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले सभी स्कूली बच्चों को शामिल किया गया है. इस योजना का पुराना नाम 'स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के लिए राष्ट्रीय योजना' था। इसे मध्यान्ह भोजन (मिड डे मील) योजना के नाम से भी जाना जाता था.
Source : News Nation Bureau