यूएन की रिपोर्ट में गिरा मोदी सरकार का ग्राफ, मानव विकास सूचकांक में भारत का 133वां स्थान
ह्यूमन डेवपलपेंट इंडेक्स यानि मानव विकास सूचकांक में भारत का स्थान 133वां दर्ज किया गया है। यूनाइटेड नेशन्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 188 देशों की इस सूची में भारत का स्थान 133वां है।
नई दिल्ली:
ह्यूमन डेवपलपेंट इंडेक्स यानि मानव विकास सूचकांक में भारत का स्थान 133वां दर्ज किया गया है। यूनाइटेड नेशन्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 188 देशों की इस सूची में भारत का स्थान 133वां है।
गौरतलब है कि मानव विकास सूचकांक पर आधारित संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में 2014 में भारत का स्थान 131वां था। संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के मुताबिक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश भारत मानव विकास सूचकांक यानि HDI के मामले में अब पड़ोसी देशों पाकिस्तान, भूटान और नेपाल की श्रेणी में शामिल हो गया है।
2015 की इस रिपोर्ट में भारत की रैकिंग पिछले साल के लगभग बराबर ही है। बावजूद इसके भारत और चीन को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में पश्चिमी देशों से तरजीह मिल रही है।
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हालिया रिपोर्ट बताती है कि 63 प्रतिशत भारतीय 2014-15 में अपने जीवन-स्तर को लेकर ‘संतुष्ट’ बताये गये थे। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम सालाना आधार पर यह रिपोर्ट जारी करता है।
इस रिपोर्ट में भारत को ‘मध्यम मानव विकास’ श्रेणी में रखा गया है। इस लिस्ट में बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान, केन्या, म्यांमार और नेपाल जैसे देशों के साथ भारत को रखा गया है। भारत का एचडीआई रैंक स्तर 2015 में 0.624 रहा जो 2010 में 0.580 था।
रिपोर्ट के मुताबिक इसमें भारत की औसतन जीवन जीने की दर साल 2015 में 68.3 दर्ज की गई थी और इस समय देश की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 5,663 डॉलर रही।
इसके अलावा इस रिपोर्ट में सुरक्षित महसूस करने की धारणा के आधार पर 69 प्रतिशत लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया। जबकि विकल्प की आजादी के मामले में 72 प्रतिशत महिला प्रतिभागियों ने संतुष्टि जाहिर की।
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इसके अलावा पुरूषों के मामले में यह आंकड़ा 78 प्रतिशत था। रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जीवन संतुष्टि के मामले में 1-10 के पैमाने पर 4.3 का अंक प्राप्त किया है।
क्या है मानव विकास सूचकांक
मानव विकास सूचकांक को ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स कहा जाता है। यह एक ऐसा सूचकांक है जिसके ज़रिए दुनिया के देशों को “मानव विकास” के आधार पर आंका जाता है। ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के ज़रिए देशों की स्थिति मसलन कि कोई देश कोई देश विकसित है, विकासशील है या फिर अविकसित है, इसका पता चलता है।
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इसके ज़रिए किसी देश के मानव विकास के स्तर को प्रदर्शित किया जाता है। वहीं इससे देश में बुनयादी मानवीय सुविधाओं की औसत प्राप्ति को मापा जाता है। मानव विकास सूचकांक के अंतर्गत आंकलन औसतन जीने की उम्र, शिक्षा का स्तर और प्रति व्यक्ति आय आदि के आधार पर किया जाता है।
सबसे पहले इसे 1990 में पाकिस्तान के प्रोफेसर महबूब उल हक ने पेश किया था।
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