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प्रवासी मजदूरों की मौत से सहमी सरकार, अब जिलेवार ट्रेन चलाने को तैयार

रेलवे मिनिस्टर पीयूष गोयल (Piyush Goyal)कहा है कि देश के किसी भी जिले में श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए तैयार है.

Updated on: 16 May 2020, 08:56 PM

नई दिल्ली:

लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से प्रवासी मजदूरों का रोजगार छिन गया है. वो पिछले कुछ सप्ताह से वो अपने-अपने गृहराज्य पैदल ही निकल पड़े हैं. हजारों किलोमीटर की दूरी मजदूर पैदल कर रहे हैं. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने ट्रेन की सेवा शुरू कर दी. बावजूद इसके सभी मजदूरों को ट्रेन सेवा नहीं मिल रही है. वो अभी भी पैदल यात्रा करते दिखाई दे रहे हैं. इस बीच रेलवे मिनिस्टर पीयूष गोयल (Piyush Goyal) कहा है कि देश के किसी भी जिले में श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए तैयार है.

पीयूष गोयल ने ट्वीट करके कहा कि प्रवासी श्रमिकों को राहत देने के लिए, भारतीय रेलवे देश के किसी भी जिले से "श्रमिक स्पेशल" ट्रेनें चलाने के लिए तैयार है. जिला कलेक्टरों को फंसे हुए श्रम और गंतव्य की सूची तैयार करनी चाहिए और राज्य नोडल अधिकारी के माध्यम से रेलवे में आवेदन करना चाहिए.

अब तक 1,034 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया

उन्होंने बताया कि कामगारों को वापस घर लाने के लिए अब तक 1,034 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया है. जिसमे से 106 ट्रेन कल संचालित हुई. रेल मंत्री ने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश व बिहार ने इस दिशा बहुत तेजी से कदम उठाए हैं, और देश भर में चली कुल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से लगभग 80% ट्रेन इन दोनों राज्यों द्वारा चलाई गई हैं.

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ममता सरकार नहीं कर ही है सहयोग 

वहीं, रेल मंत्री पीयूष गोयल यह भी कह रहे हैं कि राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है. उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाया कि ममता सरकार राज्य के प्रवासियों को घर लौटने के लिए सुविधाएं नहीं दे रही है और उसने केवल सात ‘विशेष श्रमिक’ ट्रेनों की अनुमति दी है जबकि उत्तर प्रदेश ने ऐसी 400 ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है.

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1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई है

गौरतलब है कि कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, कामगारों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के परिवहन के लिए भारतीय रेलवे ने 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलानी शुरू की हैं. रेलवे ने अब तक देश भर के 12 लाख से अधिक लोगों को इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से उनके गंतव्यों तक पहुंचाया है.