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सितंबर के पहले हफ्ते से शुरू हो सकता है संसद का मानसून सत्र, इतिहास में पहली बार होंगे ये बदलाव

संसद (Parliament) का मानसून सत्र सितंबर के पहले में शुरू करने की कवायद हो रही है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते इस सत्र में कई अहम बदलाव भी किए जाएंगे.

Updated on: 18 Aug 2020, 07:12 AM

नई दिल्ली:

संसद (Parliament) का मानसून सत्र (Monsoon Session 2020) सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो सकता है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही एक साथ न चले. संसद की कार्यवाही के दौरान सोशल डिस्डेंसिंग का पालन किया जाएगा. इसके लिए संसद के दोनों चैंबर और दीर्घाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahalad Joshi) ने कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के मद्देनजर सत्र की तैयारियों की समीक्षा के लिए लोकसभा (Loksabha) और राज्यसभा (Rajyasabha) के चैंबरों का दौरा कर चुके हैं.

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इतिहास में पहली होंगे ये बदलाव
भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार कुछ बदलाव भी होने जा रहे हैं. मानसून सत्र में पहली बार इस तरह की व्यवस्था होगी जहां 60 सदस्य चैंबर में बैठेंगे और 51 सदस्य राज्यसभा की दीर्घाओं में बैठेंगे. इसके अलावा बाकी 132 सदस्य लोकसभा के चैंबर में बैठेंगे. लोकसभा सचिवालय भी सदस्यों के बैठने के लिए इसी तरह की व्यवस्था कर रहा है. सूत्रों ने बताया कि आम तौर पर दोनों सदनों में एक साथ बैठकें होती हैं लेकिन इस बार असाधारण परिस्थिति के कारण एक सदन सुबह के समय बैठेगा और दूसरे की कार्यवाही शाम को होगी.

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जानकारी के मुताबिक संसद सत्र के दौरान राजनीतिक दलों को उनकी क्षमता के अनुसार बैठने से संबंधित निर्देश दिये जायेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के नेता थावर चंद गहलोत के, और विपक्ष के नेता और अन्य पार्टी नेताओं के लिए उच्च सदन के चैंबर में नामांकित सीटें निर्धारित की जायेंगीं. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा, जो कि राज्यसभा के सदस्य भी हैं, उनके लिए भी सदन के चैंबर में ही नामांकित सीटें निर्धारित की जायेंगीं.