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भारत के दुश्मन चरमपंथीयों की हत्याओं से दुनिया भर में कोहराम मचा, ISI का हाथ होने की आशंका  

मारे गए अलगाववादी हमेशा से भारत विरोधी गतिविधियों से घिरे रहे हैं, वह खुलेआम भारत के टुकड़े करने की बातें करते रहे हैं

Updated on: 21 Jun 2023, 10:45 PM

नई दिल्ली:

कई साल से पाकिस्तान की शह पर विदेशों में पल रहे भारत के दुश्मन चरमपंथीयों की हत्याओं से दुनिया भर में कोहराम मचा है. बीते 1 साल में लाहौर से लेकर कनाडा तक 6 पंजाब में अलगाव की मांग करने वाले समर्थकों की हत्या हो चुकी है और सातवां गुरपतवंत सिंह पन्नू लापता है, तो क्या उसकी हत्या भी लॉक हो चुकी है? लाहौर से कनाडा तक मारे गए अलगाववादी चरमपंथी कट्टरपंथी हमेशा से ही भारत विरोधी गतिविधियों में एक्टिव रहे हैं. वह खुलेआम भारत के टुकड़े करने की बातें करते रहे हैं और भारतीय एजेंसी इस कानून के मुताबिक गिरफ्तार कर देश लाने की कोशिशों में ही जुटी रही. अंडर ग्राउंड हो चुका गुरपतवंत सिंह पन्नू  हमेशा से विदेशी सरजमी से भारत के खिलाफ आग उगलता रहता है. कोई न कोई बयान-वीडियो सार्वजनिक करके वो कट्टरपंथी समर्थकों को उकसाने का ही काम करता रहता है.  

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फिर अचानक ऐसा क्या हुआ पंजाब में अलगाव की बात करने वाले विदेशी सर जमीन पर बैठे इन देश के दुश्मनों की हत्या हो गई पन्नू जैसा आतंकी अंडरग्राउंड हो गया. दरअसल इस सबके पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी इसको पूरी आशंका है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का काम है. इसके पीछे आईएसआई के दो मकसद है पहला मकसद तो साफ है, भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदनाम करने की साजिश रचना. ब्रिटिश कोलंबिया में चरमपंथी संगठन के चीफ हरदीप सिंह निज्जर की टारगेटेड हत्या.  पिछले साल यहीं पर 1985 कनिष्क आतंकी बम मामले में शामिल रिपुदमन मलिक की गोलीबारी में हत्या की गई थी.  मई 2023 चरमपंथी संगठन KCF के चीफ परमजीत सिंह पंजवार की  पाकिरूतान में हत्या.  

बीते 6 महीने में हरविंदर सिंह रिंदा, हैप्पी संघेरा, बशीर अहमद, परमजीत सिंह पंजवार, खालिद रजा, अवतार सिंह खांडा, एजाज अहमद और सैयद नूर , हरदीप सिंह निज्जर, अमरप्रीत सिंह समरा जैसे भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी विदेशी जमीन पर मारे गए हैं. इस सब के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI है.  ISI इन आतंकियों की लंबे वक्त से मदद करती आई है और अब आई एस आई के लिए यह पुराने आतंकी बोझ बन चुके हैं और अब पुराने खिलाड़ियों को ठिकाने लगाकर उनकी जगह isi नए नए आतंकियों को अपना मोहरा बनाने की अपनी साजिश को पूरा कर रही है. ऐसे नए आतंकी जो आईएसआई के इशारे पर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम तो दे लेकिन उनका रिकॉर्ड भारतीय एजेंसीज के पास या तो ना हो या उनके बारे में बेहद कम जानकारी हो. 

भारतीय सुरक्षा एजेंसीज को लग रहा है किस तरह एक के बाद एक दो बड़े चरमपंथी आतंकियों का मारा जाना आई एस आई और इन चरमपंथियों की आपस में मची भितरघात का भी नतीजा है. कुछ खुफिया इनपुट के मुताबिक ISI के इशारों पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे. निज्जर ने ही  इंग्लैंड में अवतार सिंह खांडा को मरवाया जिसके लिए खास जहर भी आईएएसआई ने ही निज्जर को मुहैया कराया था क्योंकि बीते कुछ समय से अवतार सिंह खंडा की गतिविधियां ऐसी थी साथ ही वह हाईलाइट भी इतना हो गया था कि अब खांडा ISIके लिए परेशानी की वजह और भोझ बन गया था. क्योंकि मार्च में लंदन के भारतीय दूतावास पर हमले मास्टरमाइंड के तौर पर उसकी पहचान सामने       आ गई थी.  ISI को डर था कि खांडा को भारत डिपोर्ट किया जा सकता है और वह सारा भांडा फोड़ सकता है.