logo-image

फरवरी दे गया संकेत, अभी इन महीनों में और तपेगा उत्तर भारत

दिल्ली-एनसीआर में इस बार फरवरी महीने ने अप्रैल-मई जैसी गर्मी का अहसास करा दिया है. साल 1901 से अब तक यह दूसरा मौका है फरवरी जब सबसे ज्यादा गर्म रहा है. इस बार राजधानी में फरवरी का औसत अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ.

Updated on: 02 Mar 2021, 06:19 PM

highlights

  • फरवरी महीने में अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया
  • फरवरी महीने के दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से औसतन चार डिग्री अधिक था
  • मार्च से मई के दौरान उत्तर भारत में मौसमी तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा

नई दिल्ली:

Indian Weather : दिल्ली-एनसीआर में इस बार फरवरी महीने ने अप्रैल-मई जैसी गर्मी का अहसास करा दिया है. साल 1901 से अब तक यह दूसरा मौका है फरवरी जब सबसे ज्यादा गर्म रहा है. इस बार राजधानी में फरवरी का औसत अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. इससे पहले साल 1960 में फरवरी में इतना ही तापमान दर्ज किया गया था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि मार्च से मई के दौरान उत्तर भारत में मौसमी तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा. आईएमडी ने यह बात मार्च से मई तक आने वाले गर्मियों के मौसम के लिए सब-डिविजन औसत तापमान के लिए तैयार 'सीजनल आउटलुक' में कही.

यह भी पढ़ें : गुजरात निकाय चुनाव में कांग्रेस की हार, प्रदेश अध्यक्ष समेत दिग्गजों का इस्तीफा

आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूवार्नुमान केंद्र के अनुसार, उत्तर भारत के अलावा, उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत, मध्य भारत के पूर्वी और पश्चिमी भागों के कुछ संभागों और उत्तर प्रायद्वीपीय भारत के कुछ तटीय संभागों में मौसमी तापमान सामान्य से अधिक रहेगा. हालांकि, 'सीजनल आउटलुक' की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतम तापमान दक्षिण प्रायद्वीप और आसपास के मध्य भारत के अधिकांश संभागों में होने की संभावना है.

यह भी पढ़ें : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- कोरोना वैक्सीन साइबर हमले से सेफ, लेकिन...

इसके अलावा, सामान्य मौसमी न्यूनतम तापमान से अधिक पारा उत्तर भारत के अधिकांश संभागों में, हिमालय की तलहटी, पूर्वोत्तरस मध्य भारत के पश्चिमी भाग और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी भाग में रहने की संभावना है.

यह भी पढ़ें : रेल यात्री कृपया ध्यान दें, मुंबई में कुछ स्टेशनों पर 50 रुपये में मिलेगा प्लेटफॉर्म टिकट

सामान्य सीजन के नीचे, मध्य भारत के पूर्वी भाग के अधिकांश संभागों और देश के नितांत उत्तरी भाग के कुछ संभागों में रहने की संभावना है. गौरतलब है कि फरवरी का महीना 1901 के बाद राष्ट्रीय राजधानी में दूसरा सबसे गर्म मौसम था. महीने के दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से औसतन चार डिग्री अधिक था, जिससे यह असाधारण रूप से गर्म हो गया.