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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- कोरोना वैक्सीन साइबर हमले से सेफ, लेकिन...

देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को टीकाकरण के विषय को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. स्वास्थ्य विभाग के सचिव राकेश भूषण ( Rajesh Bhushan) ने कहा कि देश में 1.11 करोड़ कुल मामलों में से 1.68 लाख एक्टिव केस है

Updated on: 02 Mar 2021, 05:21 PM

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को टीकाकरण के विषय को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. स्वास्थ्य विभाग के सचिव राकेश भूषण ( Rajesh Bhushan) ने कहा कि देश में 1.11 करोड़ कुल मामलों में से 1.68 लाख एक्टिव केस हैं. अबतक 21 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं, जबकि 97% रिकवरी रेट है. 1.48 करोड़ वैक्सीन दी गई है. दो लाख से अधिक वरिष्ठ और 45 प्लस नागरिकों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है. टीकाकरण के लिए समय लेने बहुत की सरल है. 

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि रविवार के दिन भी अपने स्थान, समय और तिथि के हिसाब से अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं. इसमें भी दूसरी डोज़ के लिए परिवर्तन संभव है. अगर 45 साल के अधिक आयु के व्यक्ति को लिखित 20 बीमारियों में से कोई भी है तो वह भी वैक्सीन लगवा सकता है. बस इसके लिए डॉक्टर का प्रमाण पत्र चाहिए. करीब एक करोड़ लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, अब co-win एप की तकनीकी खामियों को ठीक कर लिया गया है. 

उन्होंने कहा कि कई बार लोग गलत ऐप का भी प्रयोग करते हैं. उससे भी समयाएं आती हैं, हमें विश्व के हर छटे व्यक्ति को वैक्सीन देनी है. हमारी वैक्सीन साइबर हमले से सेफ है. हम ज्यादा निजी डाटा भी नहीं लेते हैं. टीकाकरण में 47 हज़ार हॉस्पिटल भाग ले रहें है, जिसमें 12 हज़ार प्राइवेट अस्पताल भी शामिल है.

नीति आयोग के डॉ. वीके पॉल ने कहा कि पीएम मोदी ने नए चरण की शुरुआत की है. वैक्सीन को लेकर अब डर खत्म हो रहा है. कोरोना के केस में बढ़ोतरी हो रही है. वह भी खतरा है, लेकिन हम इसे हल्के में नहीं ले सकते हैं. शनिवार को कैबिनेट सचिव ने ज्यादा प्रभावित राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. हमें सार्वजनिक समारोह से बचना चाहिए, यह सुपर स्प्रेटर हो सकते हैं

डॉ भार्गव ने आगे कहा कि ब्लड थिनर के साथ भी वैक्सीन दी जा सकती है. किसी भी व्यक्ति के लिए वैक्सीन घर नहीं पहुंचाई जा सकती, यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है, हमने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. हम किसी को बाध्य नहीं कर सकते हैं, इसलिए ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली डोज ली है पर दूसरी नहीं. लेकिन हम ट्रैक कर सकते हैं कि किसने पहली डोज ली, लेकिन दूसरी डोज नहीं ली. पहले डोज के 4 से 6 सप्ताह के बाद दूसरी डोज लगाना बेहद जरूरी है.