सत्यार्थी ने कहा नशाखोरी पर अदालत का फैसला ऐतिहासिक, बच्चों को मिलेगा सुरक्षित माहौल
कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों में नशाखोरी और शराब की लत पर रोक लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया है।
नई दिल्ली:
नोबल पुरस्कार विजेता और बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों में नशाखोरी और शराब की लत पर रोक लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों के लिये एक सुरक्षित माहौल बनाने में सहायता मिलेगी।
सत्यार्थी की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने केद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो बच्चों में बढ़ती नशाखोरी और शराब की लत को पर नियंत्रण पाने के लिये छह महीने के अंदर नेशनल ऐक्शन प्लान तैयार करे।
कैलाश सत्यार्थी ने कहा, "मानव तस्कारी और नशीले पदार्थों के व्यापार का आपस में गहरा रिश्ता है। ये एक ऐसा अपराध है जो द्निया भर में फैला हुआ है, जिससे बच्चों के मौलिक अधिकार का हनन होता है।"
सत्यार्थी ने एक बयान में कहा, "मैं माननीय अदालत के इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करता हूं। मेरा मानना है कि यह फैसला हमारे बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण का निर्माण करने में मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय सही समय पर लिया गया है, खासतौर से तब जब कि भारत सराकर काले धन पर नकेल कसने में जुटी हुई है।"
उन्होंने कहा कि बच्चों के यौन शोषण के खिलाफ अभिभावकों, स्कूल और समाज को एकजुट होना होगा।
उन्होंने कहा, "ड्रग माफिया को सजा दिलाने से लेकर प्रभावित बच्चों का पुनर्वास कराने तक हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है। अगर हम लोग इस बात पर गर्व करते हैं कि हम सबसे युवा देश हैं तो ये हमारी प्राथमिकता बनती है कि हम इन बच्चों की सुरक्षा करें।"
एनजीओ ने 2014 में इस मामले में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका बच्चों में बढ़ती नशाखोरी को लेकर एक ऐक्शन प्लान बनाए जाने की मांग की गई थी।
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