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भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारी (पीटीआई)
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सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर दिए अपने पहले फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारी (पीटीआई)
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर दिए अपने पहले फैसले पर रोक लगान से इनकार कर दिया है।
केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से दो दिनों के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट में अब 10 दिनों बाद मामले की सुनवाई होगी।
केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ नहीं हैं लेकिन इस एक्ट की वजह से किसी बेगुनाह को सजा भी नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मामला दर्ज किए जान के साथ ही गिरफ्तारी वाले प्रावधान को रद्द किए जाने को लेकर कहा कि अगर किसी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई से पहले शिकायत की पड़ताल कर ली जाए तो इसमें किसी को क्या दिक्कत हो सकती है।
कोर्ट ने कहा कि जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने हमारा फैसला अभी तक पढ़ा नहीं है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे है, उन्होंने हमारा फैसला तक नहीं पढ़ा है, हमारी चिंता उन बेकसूर लोगों को लेकर है, जो बिना ग़लती के जेल में है। हम ऐक्ट के खिलाफ नही है, चिंता एक्ट के दुरुपयोग को लेकर है।'
कोर्ट ने कहा,'इस एक्ट में एक भी प्रावधान ऐसा नहीं है, जिसे इस फैसले के जरिये हल्का किया गया हो। कोर्ट के फैसले का एकमात्र मकसद निर्दोष लोगों को बचाना है। आर्टिकल 21 के तहत देश के आम नागरिक को संविधान में संरक्षण मिला है, फैसला उसी के सन्दर्भ में लिया गया गया है।'
20 मार्च को फैसला देने वाली जस्टिस आदर्श गोयल गोयल और जस्टिस यू यू ललित की बेंच पुर्नविचार याचिका पर सुनवाई कर रही है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एससी/एसटी ऐक्ट में तत्काल गिरफ्तारी न किए जाने का आदेश दिया था। इसके अलावा एससी/एसटी ऐक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दी थी।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए जांच के बाद ही गिरफ्तारी का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि मामले की जांच डीएसपी रैंक के बराबर या उससे ऊपर के अधिकारी को ही करनी होगी।
कोर्ट के फैसले खिलाफ हुआ था भारत बंद
कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद बुलाया था। हालांकि उनका यह बंद देश के कई राज्यों में हिंसक उपद्रव में तब्दील हो गया, जिसमें अभी तक 11 लोग मारे जा चुके हैं।
सबसे अधिक मध्य प्रदेश में 8 लोगों की जबकि उत्तर प्रदेश में 2 लोग मारे गए। वहीं राजस्थान में भी एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई है।
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Source : News Nation Bureau