टीएमसी विधायकों के एक के बाद इस्तीफे के बाद अब ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की ओर से दर्ज एफआईआर को लेकर बीजेपी के बड़े नेताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. अभी उनके खिलाफ गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई नहीं होगी.
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बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल राय, पवन सिंह, अर्जुन सिंह, कबीर शंकर बोस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में मांग की है कि उनके खिलाफ मुकदमों की जांच राज्य पुलिस की बजाए स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए. उनका आरोप है कि राजनीतिक द्वेष के चलते उनके खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज किए गए है. मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि मार्च 2019 से टीएमसी छोड़ने के बाद से बीजेपी नेताओं के खिलाफ 64 केस दर्ज किए हैं. बीजेपी नेताओं के लिए बड़ी राहत की ख़बर है कि कोर्ट के अगले आदेश तक उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी. आरोप ये था कि चुनाव प्रचार से रोकने के लिए, ममता बनजी की शह पर इन नेताओं के खिलाफ एक के बाद मुकदमे दर्ज कर लिए गए.
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गौरतलब है कि बीते दो दिनों में तृणमूल कांग्रेस के लिए एक और बड़ा झटका सामने आया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद विश्वस्त शुभेंदु अधिकारी के इस्तीफे के बाद एक और विधायक शीलभद्र दत्ता ने टीएमसी से इस्तीफा दे दिआ है. एक लिहाज से देखें तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे से पहले तृणमूल कांग्रेस में हलचल मच गई है. शीलभद्र दत्ता 24 परगना जिले के बैरकपुर से विधायक हैं. बीते दिन राज्य सरकार में पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी छोड़ दी थी. उनके बाद आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन जितेंद्र तिवारी ने भी इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में टीएमसी को लगातार दो दिन ये लगा तीसरा बड़ा झटका है.
Source : News Nation Bureau