अर्द्धनग्न शरीर पर बच्चों से पेंटिग कराने वाली रेहाना फातिमा को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी

टॉपलैस होकर अपने नाबालिग बच्चों से अर्द्धनग्न शरीर पर पेंटिंग कराने के चलते मुकदमे का सामना कर रही रेहाना फातिमा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है.

टॉपलैस होकर अपने नाबालिग बच्चों से अर्द्धनग्न शरीर पर पेंटिंग कराने के चलते मुकदमे का सामना कर रही रेहाना फातिमा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Rehana Fathima

रेहाना फातिमा को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी( Photo Credit : फाइल फोटो)

टॉपलैस होकर अपने नाबालिग बच्चों से अर्द्धनग्न शरीर पर पेंटिंग कराने के चलते मुकदमे का सामना कर रही रेहाना फातिमा को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली है. अक्सर विवादों में रहने वाली रेहाना फातिमा की अग्रिम जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए डांट लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सामाजिक कार्यकर्ता हैं तो क्या कोई भी बेतुकी हरकत करेंगी? बच्चों पर इसका क्या असर पड़ेगा? 

Advertisment

यह भी पढ़ें: SSR Case : रिया चक्रवर्ती पहुंची ईडी दफ्तर, एजेंसी ने नहीं दी थी मोहलत

बता दें कि इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने विवादित कार्यकर्ता रेहाना फातिमा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था. रेहाना पर एक वीडियो पोस्ट करने का आरोप है, जिसमें उनके नाबालिग बच्चों को उनके अर्द्ध नग्न शरीर पर पेंटिंग करते हुए देखा गया था.

दरअसल, फातिमा के खिलाफ आरोप है कि उसने अपने बच्चों 14 साल के बेटे और आठ साल की बेटी से अपने अर्द्ध नग्न शरीर पर पेंट करने के लिए कहा. वीडियो में वह अर्द्ध नग्न अवस्था में लेटी हैं और उनके दोनों बच्चे उनके शरीर पर पेंट कर रहे हैं. याचिकाकर्ता ने यह वीडियो बनाई थी और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, इस वीडियो को देखने के बाद कोच्चि पुलिस के साइबर डोम ने पिछले महीने फातिमा के खिलाफ एक मामला दर्ज किया.

यह भी पढ़ें: रिया के कई और खुलासे, पॉश इलाके में खरीदा था फ्लैट, मकान का किराया एक लाख महीना

उस पर बाल यौन अपराध संरक्षण कानून, 2012 (पोक्सो कानून), सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 और बाल अपराध न्याय कानून, 2015 की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों का आरोप लगाया गया. केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी महिला के खिलाफ पोक्सो कानून की विभिन्न धाराओं में पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था.

इससे पहले 2018 में सबरीमाला स्थित भगवान अय्यप्पा के मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश के चलते रेहाना फातिमा चर्चा में आई थी. फातिमा उस समय सुर्खियों में आई थीं जब उच्चतम न्यायालय द्वारा सितंबर 2018 में सबरीमला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु वाली महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दिए जाने के बाद उन्होंने मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी. लेकिन हिंदू कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं के विरोध के कारण वह ऐसा नहीं कर पाई.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court Rehana Fatima
      
Advertisment