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सुनंदा पुष्कर केस: शशि थरूर ने आत्महत्या के लिए उकसाया या नहीं? आज सुनवाई

दिल्ली की अदालत सुनंदा पुष्कर मामले में उनके पति शशि थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए तय कर सकती है. हालांकि एसआईटी जांच में शशि थरूर को बरी किया जा चुका है.

Updated on: 27 Jul 2021, 07:49 AM

highlights

  • 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के होटल में मृत मिली थीं सुनंदा
  • एसआईटी जांच में शशि थरूर को क्लीन चिट मिल चुकी है
  • दिल्ली पुलिस ने थरूर के खिलाफ 498 ए और 306 का मामला किया था दर्ज

नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में आरोप तय के मामले में मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में सुनवाई है. इससे पहले 2 जुलाई को इस मामले में सुनवाई टल गई थी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और थरूर की तरफ से पेश हुए वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 12 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था. जिसके बाद कई बार ये मामला टल चुका है. दिल्ली पुलिस ने थरूर के खिलाफ धारा-498 ए और 306 के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था. पांच जुलाई 2018 को थरूर को जमानत मिल गई थी.

अहम होगा आदेश

इस मामले में कोर्ट से आने वाला आदेश बेहद अहम होगा. क्योंकि कोर्ट के इस आदेश से साफ होगा कि सात साल पुराने इस मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर पर उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला कोर्ट में चलेगा या नहीं. कोर्ट के इस फैसले से यह भी साफ होगा सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर को राहत मिलेगी या फिर उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी.

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गौरतलब है कि 7 साल पुराने मामले में शशि थरूर को आज तक एक भी बार गिरफ्तार नहीं किया गया है. पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात यहां एक होटल में मृत मिली थीं. उक्त दंपत्ति होटल में रह रहा था. क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले की साज-सज्जा का काम चल रहा था. दिल्ली पुलिस ने थरूर के खिलाफ धारा-498 ए और 306 के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था. पांच जुलाई 2018 को थरूर को जमानत मिल गई थी.

कोर्ट में इस मामले पर 12 अप्रैल को बहस पूरी हो गई थी. पाहवा ने थरूर को आरोपमुक्त करने का आग्रह करते हुए कहा था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ धारा 498ए (पति या उसके किसी रिश्तेदार द्वारा महिला के साथ क्रूरता) या 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत लगाए गए आरोपों का कोई सबूत नहीं है.

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अब तक क्या हुआ

19 जनवरी 2014 – सुनंदा पुष्कर का पोस्टमार्टम एम्स में हुआ था. वहां के डॉक्टर्स ने बताया कि सुनंदा के शरीर पर 12 से ज़्यादा निशान थे. इसमें से एक उनके गाल पर था जो ये बताता है कि उनके चेहरे को तेज़ चोट पहुंची और साथ ही इंसानी दांतों से काटे जाने का एक निशान उनके बायें हाथ पर था. उनके शरीर में ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिससे ये कहा जा सकता कि सुनंदा की मौत दवाइयों के ओवरडोज़ से हुई थी. उनके शरीर में ‘एल्प्राज़ोलम’ (एक एंटी-एन्ग्ज़ाइटी ड्रग की नाममात्र मात्रा में मौजूदगी मिली थी. डॉक्टर्स ने ये भी कहा कि उनकी मौत गैर-प्राकृतिक और अचानक हुई.

10 अक्टूबर 2014 – मौत के लगभग 9 महीने बाद (सितम्बर 2014 में) एम्स के डॉक्टर्स ने शरीर के ऑर्गन्स की जांच रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी थी. सभी जांचों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गई थी जिसे एम्स ने दिल्ली पुलिस को सौंपा था.

6 जनवरी 2015 – वो मौका जब ये केस सुसाइड से बदलकर मर्डर की तरफ़ मुड़ गया. दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा कि सुनंदा पुष्कर ने ख़ुदकुशी नहीं की है बल्कि मर्डर का केस है. दिल्ली पुलिस ने अनजान लोगों के ख़िलाफ़ केस रजिस्टर कर दिया.

फ़रवरी 2016 – दिल्ली पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने शशि थरूर से पूछताछ की. शशि थरूर ने ड्रग ओवरडोज़ की बात कही.

15 मई 2018 – दिल्ली पुलिस ने शशि थरूर पर सुनंदा को ख़ुदकुशी करने के लिए उकसाने के चार्ज लगाए. 3 हज़ार पन्ने की चार्जशीट दायर हुई. चार्जशीट में ये भी लिखा था कि शशि थरूर अपनी पत्नी के साथ क्रूरता से पेश आते थे.

5 जून 2018 – शशि थरूर को दिल्ली में कोर्ट के सामने पेश होना पड़ा. थरूर ने कहा कि वो निर्दोष हैं और कोर्ट में सच्चाई सामने आकर ही रहेगी.

शशि थरूर को अभी तक एक भी बार गिरफ़्तार नहीं किया गया है और उन्हें ज़मानत मिलती रही हैं. मामला कोर्ट में लंबित है.