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सोनिया गांधी ने फिर पीएम मोदी को लिखीं चिट्ठी, सभी मेडिकल कॉलेजों में OBC आरक्षण सुनिश्चित करें

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि देश के सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण की अनुपालना सुनिश्चित की जाए.

Updated on: 03 Jul 2020, 04:29 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि देश के सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण की अनुपालना सुनिश्चित की जाए. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को खत लिखा है. राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के माध्यम से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षण को खत्म करने को लेकर पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है. परीक्षा भारत में चिकित्सा स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आधार बनाती है.

सोनिया गांधी ने अपने पत्र में कहा, 'भारत सरकार द्वारा प्रशासित अखिल भारतीय कोटा में राज्य के चिकित्सा संस्थानों में ओबीसी के लिए आरक्षण से इनकार करना, 93 वें संवैधानिक संशोधन का उल्लंघन है. ओबीसी का चिकित्सा शिक्षा तक पहुंच में बाधा है.

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उन्होंने आगे लिखा, '93 वां संवैधानिक संशोधन ओबीसी की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण सहित सकारात्मक कार्रवाई को अनिवार्य करता है. जो भारत की 52 प्रतिशत आबादी है. 1990 में लागू मंडल आयोग की रिपोर्ट में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आने वाले समुदायों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का आदेश दिया गया है.

कांग्रेस की शीर्ष नेता ने कहा कि ‘ऑल इंडिया फैडरेशन फॉर अदर बैकवर्ड क्लासेज’ की ओर से एकत्र किए कए आंकड़ों के मुताबिक, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होने से 2017 के बाद से ओबीसी छात्रों को 11,000 से अधिक सीटें गंवानी पड़ी हैं.

सोनिया ने कहा, ‘अखिल भारतीय कोटा के तहत सभी केंद्रीय एवं प्रादेशिक मेडिकल शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचति जनजाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए क्रमश: 15, 7.5 और 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित होती हैं। बहरहाल, अखिल भारतीय कोटे के तहत ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षण सिर्फ केंद्रीय संस्थानों में सीमित होता है.

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उनके अनुसार, राज्य के मेडिकल संस्थानों में ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जाना 93वें संवैधानिक संशोधन का उल्लंघन है और इससे योग्य ओबीसी छात्र मेडिकल शिक्षा हासिल करने से वंचित रह जाते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘समता और सामाजिक न्याय के हित में केंद्र सरकार से आग्रह करती हूं कि राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल संस्थानों में भी मेडिकल एवं डेंटल के अखिल भारतीय कोटे के तहत ओबीसी छात्रों को आरक्षण दिया जाए.