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सोनिया गांधी का मोदी पर वार, कहा- हत्यारी भीड़ और सरकार में संबंध

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर विरोध के स्वर कुचलने और अलग तरह के विचारों को दबाने के लिए राजसत्ता का इस्तेमाल करने और साथ ही विभाजनकारी मुद्दों को हवा देने का आरोप लगाया है।

Updated on: 07 Jun 2017, 12:52 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार को घेरते हुए मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने करारा वार किया है। उन्होंने मोदी सरकार पर विरोध के स्वर कुचलने और अलग तरह के विचारों को दबाने के लिए राजसत्ता का इस्तेमाल करने और साथ ही विभाजनकारी मुद्दों को हवा देने का आरोप लगाया है।

इसके अलावा 'भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की बढ़ती घटनाओं' तथा सरकार व उनकी विचारधारा की समानता पर चिंता भी जताई है।

सोनिया ने पूरे देश को प्रतिगामी तथा संकीर्ण मानसिकता की विचारधारा की बेड़ियों में जकड़ने के लिए एक व्यापक अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए अपने नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी से कहा कि वह भारत के मर्म व विचारों का संरक्षण करे।

सोनिया कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रही थीं, जिस दौरान सरकार के नोटबंदी के फैसले पर उन्होंने तथा मनमोहन सिंह ने जोरदार हमले किए। दिन भर चली बैठक कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव के अलावा देश के राजनीतिक हालात, आगामी राष्ट्रपति चुनाव, कश्मीर संकट पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी।

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सोनिया ने कहा, 'विभाजनकारी मुद्दों को हवा दी जा रही है और अलग धर्म व आस्था को मानने वालों की आजीविका व खानपान पर हमला किया जा रहा है। यह सरकार विरोध के स्वर दबाने के लिए राजसत्ता का इस्तेमाल कर रही है।'

कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि चाहे वह राजनीतिज्ञ हों, संस्थान, छात्र, नागरिक समाज या मीडिया हो, असहिष्णुता तथा अलग विचारों को दबाने की घटनाएं बढ़ी हैं, जो देश के कानून का घोर उल्लंघन है।

इसके अलावा सोनिया ने कहा, 'भीड़ द्वारा लोगों को मौत के घाट उतारने की घटनाओं में इजाफा होना गंभीर चिंता की बात है। इन घटनाओं को अंजाम देने वाली भीड़ तथा सत्ताधारी सरकार में वैचारिक समानता है।' उन्होंने कहा कि दलित, जनजातीय समुदाय, अल्पसंख्यक तथा अन्य दबे-कुचले लोग बुरे वक्त का सामना कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि सरकार सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल उससे अलग मत रखने वालों को दबाने के लिए कर रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि न्यायपालिका की अहमियत को कम करने का सुनियोजित प्रयास हो रहा है और विरोध के स्वर को दबाया जा रहा है। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार को छिपाने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, 'सत्ता से नजदीकी रखने वालों की संपत्ति व प्रभाव में पिछले तीन साल में चमत्कारिक रूप से बढ़ोतरी देखी गई या फिर वे कानून से बचकर देश छोड़ने में कामयाब रहे।'

सोनिया ने कहा कि सरकार प्रतिगामी व संकीर्ण सोच को बढ़ावा दे रही है। मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल के दौरान सौहार्द्र की जगह कलह ने ले ली है।

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उन्होंने कहा कि, 'जहां समरसता थी, वहां कलह है। जहां सहिष्णुता थी, वहां उकसावा है। जहां सापेक्ष शांति थी, जैसे कश्मीर में, वहां झड़प, तनाव व डर में इजाफा हुआ है। जहां आर्थिक संभावना थी, वहां गतिहीनता है। जहां समृद्ध विविधता थी, वहां पूरे देश को प्रतिगामी व संकीर्ण वैश्विक नजरिए में धकेलने का अभियान चल रहा है।'

इतना ही नहीं सोनिया गांधी ने सरकार की मेक इन इंडिया पहल द्वारा रोजगार के मौके नहीं उपलब्ध कराने में अक्षम और निवेश आकर्षित करने में नाकाम रहने का आरोप भी लगाया है।

बता दें कि बीते कुछ दिनों में देश में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामलों में काफी तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है।

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