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नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार TMC नेताओं पर SC ने सुनवाई से किया इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस नेताओं की सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केस की मेरिट पर नहीं जा रहे हैं. कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.

Updated on: 25 May 2021, 05:04 PM

highlights

  • SC ने गिरफ्तार TMC नेताओं की सुनवाई से किया इनकार
  • कलकत्ता हाई कोर्ट की 5 जजों की बेंच कर रही सुनवाईः SC
  • CBI ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को दी थी SC में चुनौती

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने नारदा स्टिंग केस (Narada case) में गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस नेताओं की सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केस की मेरिट पर नहीं जा रहे हैं. कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) की पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. सर्वोच्च न्यायालय ने आगे कहा कि इस लिहाज CBI अपनी याचिका वापस ले. सीबीआइ और इस मामले से जुड़े दूसरे पक्ष हाई कोर्ट के सामने अपनी बात रखें. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें फिरहाद हाकिम, मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी और शोवन चटर्जी को हाउस अरेस्ट में भेजा गया था.

इसके पहले नारदा घोटाला मामले में एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं फरहाद हाकिम, मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी और सोवन चटर्जी को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बजाय इन्हें 'हाउस अरेस्ट' करने का आदेश दिया गया था. जिसके खिलाफ अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सीबीआई की ओर से टीएमसी नेताओं को नजरबंद करने की अनुमति देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और आज सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी.

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सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि-  राज्य में CBI दफ्तर को हज़ारों लोगों ने घेरा. पथराव हुआ. आखिर आरोपियों को निचली अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश करने के लिए हमें हाई कोर्ट में आवेदन देना पड़ा.राज्य के कानून मंत्री पूरा दिन कोर्ट परिसर में बैठे रहे. वहां पूरी तरह अराजकता थी. ममता बनर्जी ख़ुद CBI दफ्तर पर घरने पर बैठ गई. पश्चिम बंगाल में ऐसा लगातार हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा - मुख्यमंत्री हो या क़ानून मंत्री . हम धरने जैसी किसी हरकत को सही नहीं मानते, लेकिन क्या इसके चलते किसी आरोपी को ज़मानत नहीं मिलनी चाहिए. जिन अधिकारियों ने क़ानून को हाथ में लिया है, उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है

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आपको बता दें कि इसके पहले सीबीआई ने साल 2016 के नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में पिछले सोमवार को पश्चिम बंगाल के मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया था. बंगाल में जगह जगह हिंसा देखने को मिली थी. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों की रिहाई की मांग को लेकर टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर के बाहर भी बवाल मचाया था. यहां तक की खुद ममता बनर्जी गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई के दफ्तर पहुंचकर धरने पर बैठ गई थीं.