कोरोना संकट में भारत के साथ दोस्ती निभा रहा रूस, भेज रहा Sputnik-V वैक्सीन की दूसरी खेप

कोरोना के संकट काल में एक भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार के रूप में रूस अपनी अपेक्षा पर खरा उतरते हुए भारत के साथ अपनी दोस्ती को निभा रहा है.

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Dalchand Kumar
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भारत के साथ दोस्ती निभा रहा रूस, भेज रहा Sputnik-V की दूसरी खेप( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोविड-19 महामारी की अभूतपूर्व दूसरी लहर के कारण भारत को बहुत बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. इस दौर में तमाम देश भी भारत की मदद के लिए आगे आएं हैं. कोरोना के संकट काल में एक भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार के रूप में रूस भी अपनी अपेक्षा पर खरा उतरते हुए भारत के साथ अपनी दोस्ती को निभा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी से लड़ने के लिए रूस अगले दो दिनों में भारत के लिए स्पुतनिक-वी वैक्सीन की दूसरी खेप भेज रहा है. दूसरी खेप में रूस से वैक्सीन डेढ़ लाख खुराक भारत आएंगी. बता दें कि 12 अप्रैल को भारत ने रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को देश में मंजूरी दी थी.

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महामारी से निपटने के लिए स्पुतनिक-वी वैक्सीन की डेढ़ खुराक की पहली खेप रूस से 1 मई को भारत आई थी. पहली खेप लेकर आई एक विशेष मालवाहक उड़ान एक मई को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी थी, जहां से खेप डॉ रेड्डी की प्रयोगशालाओं में पहुंचाई गईं. रूस इसी महीने में करीब 30 लाख खुराक आने वाली हैं. यह वैक्सीन मई के अंत तक हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी की लैब में उतरने वाली है. रूस जून तक स्पुतनिक वी वैक्सीन की 50 लाख खुराक भारत भेजने की तैयारी कर रहा है, जबकि जुलाई में डोज की यह संख्या एक करोड़ से अधिक तक पहुंचाने की तैयारी है.

इतना ही नहीं, भारत का मजबूत दोस्त कहे जाने वाले रूस की ओर से दिल्ली के कलावती अस्पताल में 75 वेंटिलेटर, 20 बड़ी क्षमता वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और मध्य दिल्ली के अस्पताल में 150 बेड के मॉनिटर भेजे जा चुके हैं. इससे पहले निजी दान के माध्यम से 60 बड़े ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अलावा रूस ने उत्तर भारत के सभी केंद्रीय एम्स में कोरोना के शुरुआती चरणों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 2 लाख गोलियों की भी आपूर्ति की.

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गौरतलब है कि पिछले महीने भारतीय नियामकों ने स्पूतनिक-वी को नियामक अनुमोदन प्रदान किया था. 91.6 प्रतिशत की प्रभावकारिता के साथ, स्पुतनिक वी दुनिया में कोविड के खिलाफ पहली वैक्सीन है. द लांसेट में प्रकाशित नैदानिक परीक्षण डेटा ने संकेत दिया कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी प्रतीत होती है.

HIGHLIGHTS

  • भारत के साथ पक्की दोस्ती निभा रहा रूस
  • कोरोना संकट में कर रहा भारत की मदद
  • भेज रहा Sputnik-V वैक्सीन की दूसरी खेप
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