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पहली लहर के बाद लापरवाह हो गए थे हम, अब सतर्क रहना है- संघ प्रमुख मोहन भागवत

भागवत ने कहा कि सब लोग परस्पर एक टीम बन कर काम करेंगे, तो सामूहिकता के बल पर हम अपनी और समाज की गति बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस समय अपने सारे मतभेद भुलाकर हमें एक साथ मिलकर काम करना होगा.

Updated on: 15 May 2021, 09:08 PM

highlights

  • महामारी मानवता के सामने चुनौती है, भारत को मिसाल कायम करनी है.
  • पहली लहर के बाद हम गफलत में आ गए थे

नई दिल्ली:

देश में कोरोना के वर्तमान हालात पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को कहा कि यह परीक्षा का समय है और हमें पॉजिटिव रहना होगा. भागवत 'पॉजिटिविटी अनलिमिटेड' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद सरकार और जनता लापरवाह हो गई थी. संघ प्रमुख (RSS Chief) ने आज कहा कि दृढ़ संकल्प, सतत प्रयास व धैर्य के साथ भारतीय समाज कोरोना पर निश्चित ही विजय प्राप्त करेगा. उन्होंने कहा कि यह समय गुण-दोषों के बारे में चर्चा करने का नहीं है बल्कि इस समय समाज के सभी वर्गों को एक साथ मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे ताकि इस संकट से हम पार पा सकें. 

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इस कार्यक्रम के पांचवें व अंतिम दिन अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि सब लोग परस्पर एक टीम बन कर काम करेंगे, तो सामूहिकता के बल पर हम अपनी और समाज की गति बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस समय अपने सारे मतभेद भुलाकर हमें एक साथ मिलकर काम करना होगा. मोहन भागवत ने कहा कि पहली लहर के बाद हम गफलत में आ गए और अब तीसरी लहर आने की बात हो रही है. इससे अर्थव्यवस्था, रोजगार, शिक्षा आदि पर गहरा प्रभाव पड़ा है. 

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था पर और असर पड़ सकता है, इसलिए इसकी तैयारी हमें अभी से करनी होगी. भविष्य की इन चुनौतियों की चर्चा से घबराना नहीं है बल्कि ये चर्चा इसलिए जरूरी है ताकि हम आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए समय रहते तैयारी कर सकें. उन्होंने कहा कि स्वयं को सजग, सक्रिय व स्वस्थ रखते हुए धैर्य व अनुशासन के साथ हमें सेवा कार्यों में जुटना चाहिए. संघ प्रमुख ने कहा कि कोरोना रोगियों को अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन आदि उपलब्ध हों, इसके प्रयास करने चाहिए. सेवा कार्यों में लगे संगठनों को सहयोग करना चाहिए.

संघ प्रमुख ने लोगों से अपील की वे इस वक्त दूसरों की मदद करें. उन्होंने कहा कि अपने आस-पास के उन परिवारों की चिंता करनी चाहिए जिन पर आर्थिक संकट है. घर पर खाली न बैठें, कुछ नया सीखें, परिवारों में संवाद बढ़ाएं. भागवत ने कहा कि यश-अपयश को पचा कर लगातार आगे बढ़ने की हिम्मत रखनी होगी. भारत एक प्राचीन राष्ट्र है तथा इस पर पूर्व में कई विपत्तियां आईं. लेकिन हर बार हमने उन पर विजय प्राप्त की है, इस बार भी हम विजय प्राप्त करेंगे. इसके लिए हमें अपने शरीर से कोरोना को बाहर रखना है तथा मन को सकारात्मक रखना है. 

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संघ प्रमुख ने कहा कि इन कठिन परिस्थितियों में निराशा की नहीं बल्कि इससे लड़कर जीतने का संकल्प लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ऐसी बाधाओं को लांघ कर मानवता पहले भी आगे बढ़ी है और अब भी आगे बढ़ती रहेगी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने आगे कहा कि कोरोना महामारी मानवता के सामने चुनौती है और भारत को मिसाल कायम करनी है. हमें गुण-दोष की चर्चा किए बिना एक टीम के रूप में काम करना है. हम इसे बाद में कर सकते हैं.