जम्मू-कश्मीर का धार्मिक, सांस्कृतिक स्वरूप सभी हमलों से सुरक्षित रहा है : मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने शनिवार को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) का सांस्कृतिक और धार्मिक स्वरूप सभी हमलों में सुरक्षित रहा है.

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Yogendra Mishra
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Manoj Sinha

मनोज सिन्हा।( Photo Credit : फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने शनिवार को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) का सांस्कृतिक और धार्मिक स्वरूप सभी हमलों में सुरक्षित रहा है और हमेशा पूरे देश के लिए एक किरण के रूप में सामने आया है. श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में मुख्य स्वतंत्रता दिवस परेड को संबोधित करते हुए, सिन्हा ने कहा कि जब 'द्विराष्ट्र सिद्धांत' के अनुयायी देश को विभाजित करने के लिए एक खूनी रेखा खींच रहे थे, तो जम्मू-कश्मीर के लोग राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने के लिए खड़े थे जहां सभी धर्मों और संस्कृतियों को जोड़ने की ताकत के रूप में माना जाता है न कि विभाजनकारी शक्तियों के रूप में.

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उन्होंने कहा, "देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा बड़े बलिदान किए गए." सिन्हा ने कहा, "ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह (एमवीसी) ने उरी में आक्रमणकारियों का मुकाबला किया और भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी आखिरी सांस तक चट्टान की तरह खड़े रहे."

उन्होंने कहा, "ब्रिगेडियर उस्मान ने 1947 में आक्रमणकारियों से लड़ते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया और उनके अंतिम शब्द थे 'मैं जा रहा हूं, लेकिन राज्य को आक्रमणकारियों के हाथों में न जाने दें."' 

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उपराज्यपाल ने कहा कि आक्रमणकारी पीछे हटने पर मजबूर हो गए. उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू -कश्मीर इस्लाम के पैगंबर की उतनी ही भूमि है जितन कि यह गौतम बुद्ध और भगवान शिव की है.

सिन्हा ने कहा, "मैं जम्मू-कश्मीर की हिंदू-मुस्लिम एकता की भावना से बहुत प्रभावित हूं और इस बात को कश्मीरी कवयित्री लल्लेश्वरी ने बखूबी कही है, जब उन्होंने कहा था कि वह हिंदू और मुस्लिम के संदर्भ में नहीं सोचती क्योंकि ऐसी संकीर्ण मानसिकता आपको आपके निर्माता की महानता से दूर ले जाएगी." इस वर्ष आतंकवादियों द्वारा मारे गए दो सरपंचों अजय पंडिता और वसीम बारी का विशेष उल्लेख करते हुए बलिदान की बात भी कही.

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अपने संबोधन में, उपराज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश में पूर्ण होने वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का उल्लेख किया और जो पूरे होने के करीब हैं, उनका भी जिक्र किया. उनमें कश्मीर और कन्याकुमारी के बीच रेल लिंक शामिल हैं, जो उन्होंने 2022 तक पूरा हो जाएगा.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना सुनिश्चित करने के लिए भ्रष्टाचार-रोधी ब्यूरो को मजबूत करने की बात कही. उन्होंने बागवानी, कृषि, पर्यटन, सुरक्षित पेयजल, श्रीनगर और जम्मू के लिए स्मार्ट शहर, आईटी पार्क, युवाओं के लिए रोजगार और भविष्य में सभी भर्तियों के लिए निष्पक्ष योग्यता आधारित चयन सुनिश्चित करने के बारे में भी बोला.

अपने भाषण से पहले, उपराज्यपाल सिन्हा ने ध्वजारोहण किया और सुरक्षा बलों की टुकड़ियों का निरीक्षण किया. पहली बार जब से जम्मू -कश्मीर में मोबाइल फोन सुविधा शुरू की गई, अधिकारियों ने शनिवार को कश्मीर में सेवाओं को निलंबित नहीं किया.

Source : IANS

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