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चीन का नाम लेने से क्यों डर रही है सरकार, रणदीप सुरजेवाला ने मांगा जवाब

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बगैर दोनों देशों को चेतावनी दी और कहा कि सेना देश के दुश्मनों को उन्ही के अंदाज में जवाब देना जानती है.

Updated on: 15 Aug 2020, 03:52 PM

नई दिल्ली:

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बगैर दोनों देशों को चेतावनी दी और कहा कि सेना देश के दुश्मनों को उन्ही के अंदाज में जवाब देना जानती है. अब उनके इस बयान पर कांग्रेस जमकर निशाना साध रही है और सरकार पर सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि आखिर आज के हुक्मरान चीन का नाम लेने से क्यों डरते हैं. उन्होंने कहा, 'भारत की सेना पर सभी देशवासियों और कांग्रेस को गर्व है. लेकिन आज हमें सोचना होगा कि हुक्मरान चीन का नाम लेने से क्यों डरते हैं.'

उन्होंने कहा, चीन हमारी सरजमीम पर अतिक्रमण किए हुए है तो उसे पीछे कैसे धकेलना है इस बारे में अब सोचना होगा. लोगों को सरकार से जवाब मांगना होगा. रणदीप सुरजेवाला ने कहा, सराकर इस देश की आजादी को सुरक्षित रख पाएगी. उन्होंने कहा, हर भारतवासी को सोचना होगा कि आज आजादी के मायने क्या है. क्या हमारी सरकार प्रजातंत्र में विश्वास रखती है, जनमत और बहुमत में विश्वास रखती है?


इससे पहले कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा था कि इतना काफी नहीं है. हम सब प्रधानमंत्री की बातों पर विश्वास करना चाहते हैं लेकिन वो उनकी सरकार सच्चाई जानती है. सच्चाई ठीक नहीं है. अगर चीनी सैनिक हमारी सीमा घुसे थे तो राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ और कहा.

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बता दें, भारत के 74 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से दो पड़ोसी मुल्कों पाकिस्तान और चीन को कड़ी चेतावनी दी है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है. देश की संप्रभुता पर जिसने भी आंख उठाई है देश की सेना ने उसे उसकी भाषा में जवाब दिया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती की एक नई परिभाषा भी दी है.

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लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्हें जताते हुए कहा, 'सीमा पर देश के सामर्थ्य को चुनौती देने के दुष्प्रयास हुए हैं. लेकिन LOC से लेकर LAC तक देश की संप्रभुता पर जिसने भी आंख उठाई है, हमारी सेना ने उसी की भाषा में जवाब दिया है. देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा हुआ है. संकल्प से प्रेरित है. सामर्थ्य के अटूट श्रद्धा से आगे बढ़ रहा है.' उन्होंने कहा कि हमारे जवान क्या कर सकते है यह लदाख में दुनिया ने देख लिया है. आतंकवाद हो या विस्तारवाद, भारत आज डंटकर मुकाबला कर रहा है.