Corona Vaccine के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं, सीधे सेंटर जाकर लगवाएं

कोविन (CoWin) एप पर पहले से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं है. लोग सीधे वैक्सीनेशन (Vaccination) सेंटर जाकर रजिस्ट्रेशन कराने के साथ टीका लगवा सकते हैं.

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Nihar Saxena
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Corona Vaccination

सुप्रीम कोर्ट ने 2 जून को केंद्र की टीकाकरण नीति पर लगाई थी फटकार.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

कड़ी फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को केंद्र सरकार ने बताया है कि कोविड-19 (COVID-19) टीके के लिए कोविन (CoWin) एप पर पहले से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं है. लोग सीधे वैक्सीनेशन (Vaccination) सेंटर जाकर रजिस्ट्रेशन कराने के साथ टीका लगवा सकते हैं. साथ में केंद्र सरकार ने कहा है कि इस साल के आखिर तक 18 साल से ऊपर के कुल 93-94 करोड़ लोगों को कोविड टीका लगाने के लिए 186 से लेकर 188 करोड़ डोज की जरूरत है. अभी तक वैक्सीन योग्य लोगों में 27.3 फीसदी लोगों को पहला टीका लग सका है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की 18 साल से 44 साल के लोगों के लिए कोविड 19 टीकाकरण नीति को मनमाना और तर्कहीन बताया था. अदालत ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह बताए कि अभी तक वैक्सीनेशन के लिए कितनी वैक्सीन किस कंपनी से कब-कब खरीदीं और बाकी लोगों को कब तक वैक्सीन लग जाएंगी.

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सेंटर पर ही रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश कर कहा है कि डिजिटल डिवाइस या इंटरनेट या अन्य तरह से वैक्सीनेशन की उपलब्धता में कोई अड़चन नहीं है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या सेल्फ रजिस्ट्रेशन और को-विन पर बुकिंग अपाइंटमेंट भी अनिवार्य नहीं है. वैक्सीन के लिए इन चीजों की अनिवार्यता नहीं है. अगर कोई शख्स ऐसा है जिनके पास इंटरनेट नहीं है या फिर डिजिटल डिवाइस नहीं है या फिर सेल्फ रजिस्ट्रेशन नहीं कराना चाहता है और वैक्सीन लेना चाहता है तो वह सीधे वैक्सीनेशन सेंटर जाए और वहां स्वास्थ्य कर्मी उसका रजिस्ट्रेशन करंगे और यह रजिस्ट्रेशन कोविन प्लेटफर्म पर वैक्सीन सेंटर पर ही होगा और फिर उस शख्स को वैक्सीन लगा दी जाएगी. केंद्र सरकार ने 23 मई के सर्कुलर में वॉक इन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की है.

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डिजिटल डिवाइड से कोई नहीं छूटेगा टीकाकरण से 
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि डिजिटल डिवाइड के कारण कोई भी कोविड टीकाकरण अभियान से वंचित नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल केंद्र सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि को-विन सिस्टम इस तरह से तैयार किया गया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए सहूलियत है कि वह सबको वैक्सीनेशन कराएं. ऐसा सवाल ही पैदा नहीं होता कि कोई भी डिजिटल डिवाइड के कारण वैक्सीनेशन से छूट जाए. ये कहना सही नहीं होगा कि तकनीकी कारणों और तकनीकी इस्तेमाल के कारण किसी भी वर्ग के लोग वैक्सीनेशन से छूट जाएंगे. केंद्र ने कहा कि 23 जून तक 32.22 करोड़ लोग कोविन पर रजिस्टर्ड हो चुके थे और इनमें 19.13 करोड़ मौके पर रजिस्टर्ड हुए हैं यानी 59 फीसदी लोग नॉन डिजिटल तरीके से रजिस्टर्ड हुए हैं.

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27.3 फीसदी को लगी पहली डोज
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि 31 जुलाई तक कुल 51.6 करोड़ वैक्सीन डोज का खाका तैयार है. अगस्त से लेकर दिसंबर के बीच 135 करोड़ डोज की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए कोविशील्ड की 50 करोड़ डोज, कोवैक्सीन की 40 करोड़, स्पूतनिक वी की 10 करोड़ साथ ही अन्य वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि 45 साल से ज्यादा उम्र के 44.2 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. 18 से 44 के बीच के 13 फीसदी लोगों को पहली डोज लगी है. अब तक टीका लगाने वाले योग्य लोगों में 27. 3 फीसदी लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में 2 जून को केंद्र सरकार से कहा था कि वह कोर्ट को बताए कि अभी तक वैक्सीनेशन के लिए कितने वैक्सीन किस कंपनी से कब-कब खरीदी. बाकी लोगों को कब तक वैक्सीन लग जाएंगी.

HIGHLIGHTS

  • CoWin एप पर टीके के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत अब खत्म
  • 45 साल से ज्यादा के 44.2 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगी
  • SC ने 18 से 44 साल के लिए टीकाकरण नीति को मनमाना-तर्कहीन बताया था
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