चीनी फौज से टकराने वाले ITBP के 21 जवानों को बहादुरी पदक देने की सिफारिश

पूर्वी लद्दाख मई और जून महीने में झड़पों के दौरान साहस और शौर्य के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 21 जवानों को बहादुरी पदक देने के लिए अनुशंसा की गई है.

पूर्वी लद्दाख मई और जून महीने में झड़पों के दौरान साहस और शौर्य के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 21 जवानों को बहादुरी पदक देने के लिए अनुशंसा की गई है.

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Dalchand Kumar
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चीनी फौज से टकराने वाले 21 ITBP जवानों को बहादुरी पदक देने की सिफारिश( Photo Credit : फाइल फोटो)

पूर्वी लद्दाख मई और जून महीने में झड़पों के दौरान साहस और शौर्य के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 21 जवानों को बहादुरी पदक देने के लिए अनुशंसा की गई है. आईटीबीपी ने उन 21 कर्मियों के नाम बहादुरी पदक के लिए अनुशंसित किए हैं, जिन्होंने पिछले मई और जून 2020 के महीनों में ईस्टर्न लदाख में चीनी सैनिकों का झड़पों के दौरान बहादुरी से डटकर सामना किया था.

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इसके साथ ही श्री एस एस देसवाल, डीजी आईटीबीपी ने 294 आईटीबीपी जवानों को ईस्टर्न लद्दाख में चीनी सैनिकों का शौर्य और बहादुरी के साथ सामना करने के लिए डी जी प्रशंसा पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान किया है. आईटीबीपी जवानों ने ईस्टर्न लदाख में झड़पों के दौरान शील्ड का प्रभावशाली उपयोग किया और बहुत पराक्रम के साथ संख्या में ज्यादा पीएलए जवानों का सामना करते हुए उन्हें रोके रखा और स्थिति को नियंत्रण में रखा.

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बहुत आला दर्जे के युद्ध कौशल का परिचय देते हुए आईटीबीपी के जवानों ने कंधे से कन्धा मिलकर बहादुरी से संघर्ष किया और कई घायल सेना के जवानों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया. कई बार आईटीबीपी के जवानों ने पूरी रात पीएलए का सामना किया और 17 से 20 घंटों तक उन्हें जवाबी कार्रवाई करते हुए रोके रखा. इन झड़पों में हाई altitude में आईटीबीपी जवानों की ट्रेनिंग और उनकी हिमालय में तैनाती की क्षमता से कई सामरिक महत्व के क्षेत्रों को सुरक्षित रखा जा सका.

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