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असम में बाढ़ से हाल विकराल, 2.53 लाख लोग प्रभावित, पूर्व CJI रंजन गोगोई के घर में भी घुसा पानी

मानसून के असम पहुंचने के बाद पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार और इस कारण बाढ़ की हालत ने विकराल रूप ले लिया है. राज्य के 16 जिलों के 704 गांव बाढ़ की चपेट में हैं.

Updated on: 27 Jun 2020, 08:36 AM

गुवाहाटी:

मानसून के असम (Assam) पहुंचने के बाद पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार और इस कारण बाढ़ की हालत ने विकराल रूप ले लिया है. राज्य के 16 जिलों के 704 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. राज्य में बाढ़ (Flood) से 2.53 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि इसमें एक और व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है. राज्य में धेमाजी सार्वधिक प्रभावित जिला है और इसके बाद तिनसुकिया, माजुली और डिब्रूगढ़ भी बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.

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ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सेंट्रल वॉटर कमिशन के अधिकारी शरत चंद्र कलिता ने बताया कि अभी ब्रह्मपुत्र का जलस्तर 49.70 मीटर है, ये खतरे के निशान को पार कर चुकी है. असम में ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियां उफान पर हैं. शुक्रवार को बाढ़ का पानी राज्य के 16 जिलों में प्रवेश कर गया.

डिब्रूगढ़ जिले में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. जिससे लोगों की परेशानियां काफी बढ़ गई है. उपायुक्त पल्लव गोपाल झा कहते हैं कि बाढ़ के कारण लगभग 25,000 लोग प्रभावित हैं, जो लगातार बारिश और ब्रह्मपुत्र के बढ़ते स्तर के कारण हुआ है. उन्होंने बताया कि जिले में हमने 14 राहत शिविर स्थापित किए हैं. डिब्रूगढ़ के उपायुक्त ने बताया कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के घर में बाढ़ का पानी घुस गया है. हमने उसकी बीमार मां को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है.

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असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, डिब्रूगढ़ में बाढ़ ने एक और व्यक्ति की जान ले ली. अधिकारियों ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी और इसकी सहायक नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और इसके चलते धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, उदलगुड़ी, दरंग, बक्सा, कोकराझार, बारपेटा, नागांव, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

एएसडीएमए ने कहा कि जिला विभागों ने छह जिलों में 142 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां 18,000 से अधिक लोग रहे रहे हैं. उधर, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने सभी जिलों के उपायुक्तों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं.

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