NH पर बनी देश की पहली लैंडिंग स्ट्रिप का आज उद्घाटन करेंगे राजनाथ-गडकरी, जानें खासियत
एनएच-925 भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है जिसका इस्तेमाल वायुसेना के विमानों को आपात स्थिति में उतारने के लिए किया जाएगा. बुधवार को वायुसेना के लड़ाकू विमान ने इस लैंडिंग पट्टी पर इमर्जेंसी लैंडिंग भी की.
highlights
- बाड़मेर के गांधव में NH-925A पर है आपातकालीन हवाई पट्टी
- हवाई पट्टी पर फाइटर प्लेन उतरने के बाद यहीं है पार्किंग की सुविधा
- ये हाइवे 2019 में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया
बाड़मेर:
देश को पहला ऐसा नेशनल हाईवे मिलने जा रहा है जहां वायुसेना से लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे. राजस्थान के बाड़मेर में बने नेशनल हाइवे का सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज यानि 9 सितंबर को उद्घाटन करेंगे. दोनों मंत्री एक ही विमान से इस हाईवे पर उतरेंगे. पाकिस्तान की सीमा के नजदीक बने इस हाईवे को सामरिक दृष्टि से काफी खास माना जा रहा है. इस एयर स्ट्रिप से शुरू होने के बाद वायुसेना को इसका खासा फायदा मिलेगा. एनएच-925 भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है जिसका इस्तेमाल वायुसेना के विमानों को आपात स्थिति में उतारने के लिए किया जाएगा. बुधवार को वायुसेना के लड़ाकू विमान ने इस लैंडिंग पट्टी पर इमर्जेंसी लैंडिंग भी की.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के वास्ते एनएच-925ए के सट्टा-गंधव सेक्शन के तीन किलोमीटर के हिस्से पर इस आपातकालीन पट्टी का निर्माण किया है. यह पट्टी भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित ‘टू-लेन पेव्ड शोल्डर’ का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है. ‘पेव्ड शोल्डर’ उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं.
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पाकिस्तान से सटी सीमा के पास पट्टी का रणनीतिक महत्व
यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बाड़मेर और जालौर जिलों के गांवों के बीच सम्पर्क में सुधार करेगी. इसके पश्चिमी सीमा क्षेत्र में स्थित होने से भारतीय सेना को निगरानी करने में मदद के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी सहायता मिलेगी. ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल आपात स्थिति में विमान उतारने के लिए किया जाएगा.
जुलाई 2019 में शुरू हुआ था काम, 19 महीने में हुआ पूरा
ईएलएफ का निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है. इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह सम्पन्न हो गया. आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में ‘जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ ने इसका निर्माण किया है. भारत-पाक सीमा से महज 40 किलोमीटर दूर है यह हवाई पट्टी. इसका निर्माण भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बने हाइवे NH-925ए पर हुआ है. हवाई पट्टी की चौड़ाई 33 मीटर है और इकी लंबाई 3 किलोमीटर है.
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