'तीन साल के अंदर चुनावी वादे होंगे पूरे, नहीं तो दे दूंगा इस्तीफा', रजनीकांत के भाषण की 10 खास बातें
चेन्नई के राघवेंद्र हॉल में अपने प्रशंसकों के बीच उन्होंने ऐलान किया कि अगले विधानसभा चुनाव में वह खुद अपनी पार्टी बनाकर सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
highlights
- राजनीतिक पार्टी का गठन और चुनाव लड़ना आसान कार्य नहीं है, यह गहरे समुद्र से मोती निकालने जैसा है: राजनीकांत
- सिनेमा और सियासत को लेकर खबरों में रहने वाले रजनीकांत ने कहा कि वह राजनीति में सत्ता के लिए नहीं आ रहे हैं
- जहां भी सत्ता का दुरुपयोग होगा, मैं उसके खिलाफ खड़ा रहूंगा: थलाइवा
नई दिल्ली:
तमिलनाडु में सिनेमा जगत की हस्तियों के राजनीति में प्रवेश करने और एक मुकाम हासिल करने का पुराना इतिहास रहा है।
साल 2017 में रजनीकांत के राजनीति में पदार्पण करने की अटकलों ने खासा सुर्खियां बटोरीं। लेकिन कोई भी नहीं जानता था कि थलाइवा 2018 का शानदार आगाज राजनीति में दस्तक देने से करेंगे।
2017 में सुपरस्टार रजनीकांत सिनेमा से लेकर सियासत तक सुर्खियों का हिस्सा बनें, लेकिन अब उन्होंने राजनीति में आने पर मुहर लगा दी है।
चेन्नई के राघवेंद्र हॉल में अपने प्रशंसकों के बीच उन्होंने ऐलान किया कि अगले विधानसभा चुनाव में वह खुद अपनी पार्टी बनाकर सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
आइए आपको बताते हैं उनके भाषणों की 10 खास बातें।
1. राजनीति में आने की घोषणा करते हुए थलाइवा ने कहा, 'जहां भी सत्ता का दुरुपयोग होगा, मैं उसके खिलाफ खड़ा रहूंगा। उन्होंने कहा कि वह कायर नहीं हैं और पीछे नहीं हटेंगे।'
2. 68 साल का होने के बाद भी थलाइवा का जलवा उनके फैन्स के बीच पहले की तरह ही बरकरार है। उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु की जनता का सिर नहीं झुकने दूंगा। मैं अपने प्रशंसकों को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने 6 दिन तक मेरे फैसले का इंतजार किया।'
3. अपनी आगामी फिल्म '2.0' को लेकर चर्चा में रहने वाले अभिनेता ने कहा, 'सत्ता में आने के तीन सालों के भीतर यदि उनकी पार्टी अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं कर पाती है तो वह इस्तीफा दे देंगे।'
4. अभिनय जगत में अलग मुकाम हासिल करने वाले दक्षिण के सुपरस्टार ने कहा, 'राजनीतिक पार्टी का गठन और चुनाव लड़ना आसान कार्य नहीं है। यह गहरे समुद्र से मोती निकालने जैसा है।'
और पढ़ें: रजनीकांत संघर्ष, सिनेमा और सियासत को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहे
5. मीडिया में अपने संघर्ष, सिनेमा और सियासत को लेकर खबरों में रहने वाले रजनीकांत ने कहा, 'वह राजनीति में सत्ता के लिए नहीं आ रहे हैं। 45 साल की उम्र में उनकी राजनीतिक सत्ता में रुचि नहीं थी और अब 68 की उम्र में कोई नहीं कह सकता कि उन्हें सत्ता की चाह है।'
6. बढ़ई, कुली के बाद सिनेमा में शिरकत करने वाले मेगास्टार ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि उन्हें लोगों सहयोग मिलेगा और वह आम आदमी के प्रतिनिधि हैं।
7. मेरी अदालत, भगवान दादा के अभिनेता ने कहा, 'मैंने अपने प्रशंसकों को अच्छा सोचने, अच्छी बात करने के साथ अच्छे कार्य करने की सलाह दी है।'
8. अभिनेता ने कहा कि लोकतंत्र की आड़ में राजनीतिक दल अपने ही लोगों को लूट रहे हैं। ऐसे में वर्तमान प्रणाली में बदलाव किया जाना चाहिए।
9. दक्षिण सुपरस्टार ने कहा, 'मुझे अपनी पार्टी में कैडर नहीं गार्ड चाहिए, जो गलत होने से रोक सकें।'
10. रजनीकांत ने इस दौरान कहा कि हमारे पास हजारों रजिस्ट्रेशन वाले क्लब हैं। सबको रजिस्ट्रेशन कराकर गार्ड बनना होगा।
गौरतलब है कि जयललिता के निधन के बाद दक्षिण की राजनीति में एक लोकप्रिय चेहरे की कमी हमेशा से महसूस की जा रही थी। ऐसे में
राजनीकांत का राजनीतिक में आना इस खाली जगह को भरने के संकेत दे रहा है।
ऐसा पहली बार नहीं है, जब दक्षिण भारत से किसी अभिनेता के नेता बनने की बात सामने आई हो। यह सही है कि कुछ सिने अदाकारों ने राजनीति में खासी लोकप्रियता कमाई और अपना प्रभावशाली मुकाम बनाया, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जिनके हाथ केवल असफलता ही लगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुपरस्टार एमजीआर, तमिल पटकथा लेखक करुणानिधिए जयललिता ने सिनेमा की उंचाईयों को छूने के साथ ही दक्षिण भारत की राजनीति को एक नया आयाम दिया है। वहीं चिरंजीवी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए।
और पढ़ें: रजनीकांत का नेता बनने का ऐलान, स्वामी ने दी बेनकाब करने की चेतावनी
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