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भारतीय रेलवे( Photo Credit : फाइल)
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भारतीय रेलवे( Photo Credit : फाइल)
भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने लॉकडाउन (Lock Down) में फंसे मजदूरों के लिए अच्छी खबर दी है. लॉकडाउन (Lock Down) में फंसे मजदूरों को लाने के लिए अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रेल मंत्रालय को किसी भी राज्य की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी, इस मामले में पूरा फैसला लेने का अधिकार अब रेल मंत्रालय के पास होगा. आपको बता दें कि रेलवे के इस फैसले के बाद रेलवे को राज्यों की अनुमति का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और केंद्र ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें चला सकेगा, जिसमें पहले के मुकाबले ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे.
दरअसल, अभी तक भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन की वजह से फंसे मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाईं थीं. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए दोनों राज्यों की सहमति लेनी होती थी और ट्रेन के निकलने से पहले इसकी एक कॉपी रेलवे को उपलब्ध करानी होती थी. इससे राज्यों की आनाकानी के कारण ज्यादा संख्या में ट्रेनें नहीं चल पाती थीं, लेकिन अब केंद्र सरकार ने देश के कई राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों और उनके गृह राज्यों के बीच परिवहन को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी किया है. इस SOP के तहत राज्य प्रभारी अधिकारियों को चिह्नित करेगा और प्रवासियों को भेजने या लाने के लिए उचित व्यवस्था करेगा.
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गृह मंत्रालय से सलाह कर रेलवे लेगा फैसला
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन को लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने संशोधित एसओपी जारी किया है. उन्होंने कहा कि, श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की अनुमति के लिए रेल मंत्रालय गृह मंत्रालय के साथ परामर्श करने के बाद ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन की अनुमति लेगा. अब इसके लिए भारतीय रेलवे को राज्यों के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा. राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अपने प्रभारी अधिकारियों को नामित करेंगे और फंसे हुए लोगों को भेजने या उनके आने पर जरूरी इंतजाम करेंगे. वहीं नए नियमों के मुताबिक गंतव्य और रुकने वाले स्टेशन समेत ट्रेनों की समय-सारिणी पर अंतिम फैसला रेल मंत्रालय करेगा और वह इसकी जानकारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देगा ताकि ऐसे फंसे हुए मजदूरों को भेजने या लाने के लिए जरूरी प्रबंध किए जा सकें.
नए नियमों के मुताबिक ट्रेनों को ज्यादा स्टेशनों पर रुकना होगा
रेलवे के नए नियमों के जारी होने के बाद रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि रेल मंत्रालय प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों का ज्यादा स्थानों पर रुकना सुनिश्चित करेगा. इससे पहले स्पेशल ट्रेनें कहां रुकेंगी, ये फैसला भी राज्य सरकारों के हाथ में था और वो ही ये निश्चित करते थे कि ट्रेन कब और कौन से स्टेशन पर रुकेगी. आपको बता दें कि अभी तक चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को बहुत कम स्टेशनों पर रुकने दिया गया था. एसओपी के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन भेजने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश तथा रेल मंत्रालय सुनिश्चित करेंगे कि सभी यात्रियों की अनिवार्य रूप से जांच हो.