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KBC में जाना रेलकर्मी को पड़ा भारी, रेलवे ने थमाई चार्जशीट 3 साल का इंक्रीमेंट रोका 

कर्मचारी ने मुंबई जाने के लिये रेलवे में छुट्टी के लिये लगाई थी अर्जी नही की मंजूर देशबन्धु पांडे ने 27 सितम्बर को केबीसी में जीती थी 3 लाख 20 हज़ार की रकम. एंकर- कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने कोटा रेल मंडल के स्थ

Updated on: 01 Sep 2021, 10:22 PM

नई दिल्ली:

कर्मचारी ने मुंबई जाने के लिये रेलवे में छुट्टी के लिये लगाई थी अर्जी नही की मंजूर देशबन्धु पांडे ने 27 सितम्बर को केबीसी में 3 लाख 20 हज़ार की रकम जीती थी. कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने कोटा रेल मंडल के स्थानीय खरीद अनुभाग के कार्यालय अधीक्षक देशबंधु पांडे को बड़ा महंगा पड़ गया है. पांडे को केबीसी में जाने की रेल प्रशासन ने कड़ी सजा दी है. उन्हें रेलवे प्रशासन के द्वारा चार्जशीट थमाई गई है साथी 3 साल के लिए उनकी वेतन वृद्धि को भी रोक दिया है.

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रेलवे प्रशासन के द्वारा इस तरह की कार्रवाई देशबंधु पांडे के खिलाफ करने से कर्मचारी संगठनों में विरोध व्याप्त हुआ है. वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के मंडल सचिव अब्दुल खालिद कहा है कि पांडे के साथ रेल प्रशासन ने ठीक नहीं किया है. मजदूर संघ पांडे के लिए न्याय की लड़ाई लड़ेगा. केबीसी में भाग लेने के लिए पांडे 9 से 13 अगस्त तक मुंबई में रहे थे. इसके लिए पांडे ने अधिकारियों से अवकाश की सूचना दी थी. लेकिन अधिकारियों द्वारा पांडे के आवेदन पर कोई विचार नहीं किया. इसके बाद पांडे बिना छुट्टी के ही केबीसी शूटिंग के लिए मुंबई जाकर आए. पांडे ने केबीसी में 3 लाख 20 हजार रुपए जीते, लेकिन उन्हें यह महंगा पड़ गया है। पांडे चार्ट शीट को लेकर इतना डरे हुए हैं कि वह रेलवे प्रशासन के खिलाफ कुछ भी बोलने को कैमरे के सामने तैयार नहीं है. पांडे को डर है कि अगर वह कुछ मीडिया के सामने बोलेंगे तो उन्हें और ज्यादा सजा रेलवे प्रशासन से मिल सकती है. हालांकि पांडे ने उन्हें मिली चार्ट शीट का जवाब रेलवे प्रशासन को दिया है.

पांडे को मुंबई से लौटने पर 18 अगस्त को चार्जशीट थमा दी. 3 साल के इंक्रीमेंट बंद करने के आदेश भी जारी कर दिए. चार्जशीट मिलने. इंक्रीमेंट रोकने की कार्रवाई से केबीसी में ईनाम जीतने की खुशी पांडे की काफूर हो गई. इस बात से पांडे व उनका परिवार तनाव में हैं. पांडे का केबीसी में भाग लेना नुकसान भरा साबित हुआ. तीन साल का इंक्रीमेंट रोक दिया है. तीन साल में करीब डेढ़ लाख रुपए का घाटा होना निश्चित है. केबीसी में पांडे को 3 लाख 20 हजार रुपए मिले हैं. इस राशि में से टैक्स भी कटेगा. ऐसे में केबीसी में भाग लेना पांडे को. पांडे थमाई गई चार्ज शीट 9 अगस्त को तैयार की. चार्ज शीट में लिखा है कि बिना अवकाश स्वीकृत कराए ही आप 9 से 13 अगस्त तक गायब रहे. आपका यह रवैया काम के प्रति लापरवाही दर्शाता है. ऐसे में आप पर कार्रवाई की जानी चाहिए. अधिकारियों ने इस चार्जशीट में पहले से ही 13 अगस्त तक का जिक्र कर दिया. यह तभी संभव है जब अधिकारियों को पता हो कि कर्मचारी 13 अगस्त तक नहीं आएगा. इसका मतलब है पांडे ने 13 अगस्त तक अवकाश मांगा था. जो उसे नहीं दिया गया.

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हालांकि कर्मचारी संगठन पांडे के प्रति रेलवे के इस रवैए से सहमत नहीं दिखे. कर्मचारी संगठनों ने कहा कि उचित कारण हो तो कार्मिकों को छुट्टी जरुर दी जानी चाहिए. केबीसी में भाग लेना ऐसा कारण नहीं है. जिसके लिए रेलवे को छुट्टी देने में कोई आपत्ति हो. रेलवे को तो इस पर गर्व होना चाहिए. ताकि अन्य प्रतिभाएं भी प्रोत्साहित हो सके. इसके उलट अधिकारी सम्मान तो दूर चार्ज शीट थमा कर कर्मचारियों का मनोबल गिराने का काम कर रहे हैं. संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि यह पहला अवसर नहीं है जब किसी कर्मचारी ने केबीसी में भाग लिया हो. इससे पहले भी कई अधिकारी और कर्मचारी केबीसी में शामिल हो चुके हैं. रेलवे द्वारा इन सभी का सम्मान किया गया. यह पहला मामला है. जब सम्मान की जगह कर्मचारी को चार्जशीट थमाई गई हो.

कोटा रेल मंडल डीआरएम ऑफिस में भंडार विभाग में कार्यालय अधीक्षक पद पर तैनात पांडे ने पिछले दिनों केबीसी में भाग लिया था। पांडे का यह एपिसोड 26 और 27 अगस्त को प्रसारित हुआ था. इसमें पांडे ने 10 प्रश्नों का सही उत्तर देकर 3 लाख 20 हजार रुपए भी जीते हैं। पांडे अपनी पत्नी के साथ केसीबी में खेलने गए थे.