रेलवे ने अब तक 2818 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं, 2253 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंची

मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए रेलवे ने अहम भूमिका निभाई है. रेल मंत्रालय ने अबतक कुल कितने ट्रेनें चलाई गई हैं इसका पूरा लेखा-जोखा दिया है.

मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए रेलवे ने अहम भूमिका निभाई है. रेल मंत्रालय ने अबतक कुल कितने ट्रेनें चलाई गई हैं इसका पूरा लेखा-जोखा दिया है.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए रेलवे (Railway) ने अहम भूमिका निभाई है. रेल मंत्रालय ने अबतक कुल कितने ट्रेनें चलाई गई हैं इसका पूरा लेखा-जोखा दिया है. रेलवे ने अब तक 2818 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें (Special train) चलाई हैं. जिसमें से 565 ट्रेनें आज चल रही हैं. जबकि 60 ट्रेनें रास्ते में हैं. 2253 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी हैं. रेलवे ने कोविड-19 (Covid-19) लॉकडाउन के चलते फंसे हुए करीब 36 लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए अगले दस दिनों में 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने का कार्यक्रम तैयार किया है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने शनिवार को यह जानकारी दी. यादव ने बताया कि रेलवे ने करीब 36 लाख फंसे हुए प्रवासियों को पहुंचाने के लिए पिछले 23 दिनों में 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी हैं.

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अगले दस दिनों में 2600 श्रमिक स्पशेल ट्रेनें 36 लाख प्रवासियों को ले जाएगी

उन्होंने यह दर्शाने के लिए ग्राफ का इस्तेमाल किया कि कैसे रेलवे ने एक मई को परिचालन की शुरुआत के पहले दिन चार ट्रेन चलाने के बाद इस संख्या को बढ़ाकर 20 मई तक 279 ट्रेन किया. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि हमने पिछले चार दिनों में रोजाना औसतन 260 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी हैं और प्रतिदिन तीन लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है. अगले दस दिनों में 2600 श्रमिक स्पशेल ट्रेनें 36 लाख प्रवासियों को (उनके गंतव्य तक) ले जाएगी. हम राज्यों के अंदर भी ट्रेनें चला सकते हैं, करीब 10-12 लाख लोग उन ट्रेनों से यात्रा कर सकते हैं. जब रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से एक जून से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों के किराए के बारे में पूछा गया तो यादव ने कहा कि रेलवे लॉकडाउन से पहले का सामान्य किराया ही वसूल रहा है.

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पश्चिम बंगाल के लिए ट्रेनें चलायेंगे

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के खर्च का 85 फीसद हिस्सा केंद्र वहन करता है जबकि राज्य भाड़े के रूप में बस 15 फीसद का भुगतान कर रहे हैं. एक दूसरे से दूरी के नियम के हित में फिलहाल अनारक्षित यात्रा रोक दी गयी है. ट्रेनें बस निर्धारित क्षमता के हिसाब से ही भरी रहेंगी. रेलवे तबतक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाता रहेगा जबतक राज्यों को उनकी जरूरत होगी. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चक्रवात अम्फान के चलते 26 मई तक राज्य में सभी प्रवासी स्पेशल ट्रेनें स्थगित करने का अनुरोध करते हुए भेजे गये पत्र के संबंध में यादव ने कहा कि ऐसा प्राकृतिक आपदा के कारण हुआ है और चीजें शीघ्र ही सामान्य हो जाएंगी. जितना जल्दी पश्चिम बंगाल की सरकार हमें मंजूरी देंगी, हम पश्चिम बंगाल के लिए ट्रेनें चलायेंगे.

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