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जेपी नड्डा कौन हैं? क्या मेरे प्रोफेसर हैं : राहुल गांधी

राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले नड्डा ने अपने ट्वीट में कहा, अब जब राहुल गांधी अपनी मासिक छुट्टी से लौट आए हैं, तो मैं उनसे कुछ सवाल करना चाहूंगा. मुझे उम्मीद है कि वह आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब देंगे.

Updated on: 19 Jan 2021, 07:46 PM

नई दिल्ली:

पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के यह आरोप लगाने की निंदा की कि वह किसानों को भड़काते हैं और कहा कि वह कौन हैं और मुझे उनकी बात का जवाब क्यों देना चाहिए. राहुल गांधी ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. नड्डा के उनके खिलाफ सिलसिलेवार ट्वीटों के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, वह कौन हैं, जिनकी बातों का मुझे जवाब देना है? क्या वह मेरे प्रोफेसर हैं? मैं उन्हें नहीं, देश को जवाब दूंगा.

उन्होंने नड्डा के ट्वीटों पर सवाल उठाते हुए उनकी आलोचना की. राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले नड्डा ने अपने ट्वीट में कहा, अब जब राहुल गांधी अपनी मासिक छुट्टी से लौट आए हैं, तो मैं उनसे कुछ सवाल करना चाहूंगा. मुझे उम्मीद है कि वह आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब देंगे. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, राहुल गांधी, उनके वंश और कांग्रेस चीन पर झूठ बोलना कब बंद करेंगे? क्या वह इस बात से इनकार कर सकते हैं कि अरुणाचल प्रदेश के हजारों किलोमीटर के पत्थर पंडित नेहरू के अलावा और किसी ने चीन को उपहार में नहीं दिया था?. कांग्रेस चीन के सामने बार-बार आत्मसमर्पण क्यों करती है?

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भाजपा प्रमुख ने सवाल किया, कांग्रेस सरकारों के तहत किसान दशकों तक गरीब क्यों बने रहे? क्या वे केवल विपक्ष में रहने पर ही किसानों के लिए सहानुभूति महसूस करते हैं? नड्डा ने कहा, राहुल गांधी ने कोविड-19 के खिलाफ उत्साही लड़ाई में देश को ध्वस्त करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. आज जब भारत में सबसे कम मामले हैं और हमारे वैज्ञानिक एक टीका लेकर आए हैं, तो उन्होंने वैज्ञानिकों को बधाई क्यों नहीं दी और 130 करोड़ भारतीयों में से किसी एक की भी प्रशंसा क्यों नहीं की?

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नड्डा पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने आगे कहा कि किसानों को सच्चाई का पता है. उन्होंने यह भी कहा कि यह तो विचलित करने का एक प्रयास है, पूर्ण विक्षेप नहीं है. राहुल ने कहा, उनके दिल में क्या है, वे मेरे बारे में बोल ही चुके हैं. सरकार किसानों को विचलित करने की कोशिश कर रही है. सरकार उन्हें बात करने के लिए कह रही है और वार्ता नौ बार की गई है. किसानों को वास्तविकता पता है. राहुल गांधी क्या करता है, हर किसान को पता है.

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उन्होंने कहा, भट्टा पारसौल में नड्डाजी नहीं थे. भूमि अधिग्रहण के समय के दौरान भी न तो नड्डाजी और न ही मोदीजी वहां थे. राहुल गांधी वहां थे. जब किसानों की भूमि का मामला था, तब कांग्रेस खड़ी थी. किसानों का कर्ज माफ करने के लिए कांग्रेस वहां खड़ी थी. राहुल ने यह भी कहा कि उनके पास चरित्र है. उन्होंने कहा, मैं मोदीजी या किसी और से नहीं डरता. मैं एक साफ-सुथरा व्यक्ति हूं. वे मुझे गोली से उड़ा सकते हैं. मैं एक देशभक्त हूं, और मैं अपने देश की रक्षा करता हूं और यह काम मैं करता रहूंगा, भले ही मुझे अकेले खड़े रहना पड़े. मैं उनसे ज्यादा कट्टर हूं.

उन्होंने कहा, यहां क्या हो रहा है. 70 साल पहले जिस देश से लड़ाई हुई थी, फिर एक बार वही हो रहा है. इस साल पार्टी मुख्यालय में राहुल गांधी की यह पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस थी. पिछले शुक्रवार को उन्होंने अपनी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ तीन खेती कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लिया था. राहुल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीनों कृषि कानूनों पर एक समिति बनाए जाने का जिक्र किए जाने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.