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कोरोना से मची तबाही के बीच राहुल गांधी ने मोदी सरकार से की ये बड़ी अपील

इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक लिहाज से ये बहुत मुश्किल वक्त है. ऐसे में इस वक्त सरकार किसी भी विदेशी को भारतीय कॉर्पोरेट के टेकओवर की अनुमति ना दे.

Updated on: 12 Apr 2020, 08:40 PM

नई दिल्ली:

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) तबाही मचा रखी है. लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक लिहाज से ये बहुत मुश्किल वक्त है. ऐसे में इस वक्त सरकार किसी भी विदेशी को भारतीय कॉर्पोरेट के टेकओवर की अनुमति ना दे.

रविवार शाम राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर कहा, 'बड़े पैमाने पर आर्थिक मंदी ने कई भारतीय कॉरपोरेट्स को कमजोर कर दिया है. वो टेकओवर किए जाने के लिए आकर्षक टारगेट बन गए हैं. सरकार को चाहिए कि राष्ट्रीय संकट के इस समय में किसी भी भारतीय कॉर्पोरेट पर नियंत्रण की अनुमति नहीं दे.'

21 दिन का लॉकडाउन आगे बढ़ाए जाने पर हो रहा विचार

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएम मोदी ने 25 मार्च को 21 दिन का लॉकडाउन का ऐलान किया था. 14 अप्रैल तक लॉकडाउन जारी रहेगा. राज्यों की मांग के बाद मोदी सरकार इस लॉकडाउन को दो सप्ताह और आगे बढ़ाने की योजना बना रही है.

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लॉकडाउन की वजह से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रही है. जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था की हालत खराब है.

भारत में अर्थव्यवस्था में आएगी भारी गिरावट

वहीं, विश्व बैंक (World Bank) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को जबर्दस्त झटका दिया है. इससे देश की आर्थिक वृद्धि दर (GDP Growth Rate) में भारी गिरावट आएगी. विश्व बैंक ने रविवार को ‘दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था पर ताजा अनुमान: कोविड-19 का प्रभाव’ रिपोर्ट में कहा है कि 2019-20 में भारतीय अथव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर पांच प्रतिशत रह जाएगी. इसके अलावा 2020-21 तुलनात्मक आधार पर अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में भारी गिरावट आएगी और यह घटकर 2.8 प्रतिशत रह जाएगी.

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अर्थव्यवस्था पांच प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकेगी

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 का झटका ऐसे समय लगा है जबकि वित्तीय क्षेत्र पर दबाव की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में पहले से सुस्ती है. इस महामारी पर अंकुश के लिए सरकार ने देशव्यापी बंदी लागू की है. इससे लोगों की आवाजाही रुक गई है और वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से घरेलू आपूर्ति और मांग प्रभावित होने के चलते 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 2.8 प्रतिशत रह जाएगी. वैश्विक स्तर पर जोखिम बढ़ने के चलते घरेलू निवेश में सुधार में भी देरी होगी. रिपोर्ट कहती है कि अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में कोविड-19 का प्रभाव समाप्त होने के बाद अर्थव्यवस्था पांच प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकेगी.

(इनपुट भाषा)