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कृषि कानूनों को लेकर राहुल का केंद्र पर हमला,कहा- निरस्त किए जाएं कृषि कानून

ऐसी क्रूरता सिर्फ पूंजीपतियों के व्यावसायिक हितों को बढ़ावा देने के लिए है. कृषि विरोधी कानूनों को निरस्त करें. राहुल गांधी कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं और कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. 

Updated on: 05 Jan 2021, 05:22 PM

नई दिल्ली:

किसान नेताओं के साथ सातवें दौर की वार्ता के एक दिन बाद मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला है. सातवें दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद अब आठ जनवरी को आठवें दौर की वार्ता होनी है. राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, मोदी सरकार की उदासीनता और अहंकार ने 60 से अधिक किसानों के जीवन का अंत कर दिया है. उनके आंसू पोंछने के बजाय, भारत सरकार उन पर आंसू गैस से हमला कर रही है.

ऐसी क्रूरता सिर्फ पूंजीपतियों के व्यावसायिक हितों को बढ़ावा देने के लिए है. कृषि विरोधी कानूनों को निरस्त करें. राहुल गांधी कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं और कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. सोमवार को विज्ञान भवन में सरकार के साथ किसान समूहों की सातवें दौर की वार्ता अनिर्णीत रही क्योंकि किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे. 

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राहुल गांधी फिर बन सकते हैं राष्ट्रीय अध्यक्षः सूत्र
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कांग्रेस की कमान दोबारा संभालने के लिए राजी हो गए हैं. शनिवार को ही इसे लेकर बैठक भी हुई थी.  पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास हुई बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इसमें राहुल गांधी को एक बार फिर कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने को लेकर बात रखी गई.

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पार्टी के कई नेताओं ने की राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग
इस बैठक में के. सुरेश, अब्दुल खालिक, गौरव गोगोई और कुछ अन्य सांसदों ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह फिर से पार्टी की कमान संभालें. इन सांसदों के अलावा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि अब राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए. पार्टी के करीब सभी बड़े नेता इस बात तो लेकर सहमत नजर आए कि वर्तमान समय में पार्टी की कमान राहुल गांधी को ही दी जानी चाहिए. दूसरी तरफ राहुल गांधी भी पार्टी की जिम्मेदारी संभालने के लिए राजी हो गए हैं.