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पुलवामा जांच का सामने आया अमेरिका कनेक्शन, एनआईए को FBI से मिली दो अहम जानकारी

पिछले साल फरवरी में पुलवामा (Pulwama attack) में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जांच कर रही एनआईए को अमेरिका से कई सबूत हाथ लगे हैं. अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी एफबीआई ने भारत की ऐसे इनपुट में सहायता की है जिससे इस जांच के अली गुनाहगारों तक पहुंचने में

Updated on: 27 Aug 2020, 08:34 AM

नई दिल्ली:

पुलवामा (Pulwama Attack) में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर पिछले साल फरवरी में हुए हमले के मामले की जांच कर रही एनआईए (NIA) को अमेरिका से बड़ी मदद मिली है. अमेरिकी की खुफिया एजेंसी एफबीआई (FBI) ने एनआईए को दो ऐसे इनपुट देने में मदद की है जिससे वह असली गुनाहगारों तक पहुंच सके. दोनों एजेंसियों ने उस व्यक्ति की पहचान कर ली है जिससे हैंडलर संपर्क में थे. इसके साथ ही एफबीआई ने धमाके में इस्तेमाल की गई विस्फोटक की प्रकृति की जांच में भी सहयोग किया है.  

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आतंकी के व्हाट्सऐप की जांच में की मदद
जानकारी के मुताबिक एफबीआई ने जैश ए मोहम्मद के एक प्रवक्ता द्वारा चलाए जा रहे व्हाट्सऐप अकाउंट की जांच में भी मदद की. इसी अकाउंट के माध्यम से आतंकी हमले में शामिल अपने साथियों के लगातार संपर्क में था. जांच में सामने आया है कि इस व्हाट्सऐप अकाउंट को कश्मीर के एक मोबाइल फोन पर मोहम्मद हुसैन ऑपरेट करता था. जांच के दौरान इसकी लोकेशन पीओके के मुजफ्फराबाद में मिली. बताया जा रहा है कि इस व्हाट्सऐप का नंबर बडगाम की रहने वाली एक महिला के नाम पर रजिस्टर्ड था, जिसकी 2011 में ही मौत हो चुकी थी. एनआईए के सूत्रों के मुताबिक भारत ने इस मामले में एफबीआई की मदद इसलिए ली क्योंकि इस मामले में भारत के बाहर से ऑपरेट होने वाले व्हाट्सऐप और फेसबुक अकाउंट्स की जानकारी को ट्रेस करना संभव नहीं है.  

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हमले में इस्तेमाल हुए अमोनियम नाइट्रेट
एनआईए को एफबीआई से हमले में इस्तेमाल विस्फोटक का पता लगाने में भी मदद मिली. एफबीआई ने बताया कि इस हमले में अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोग्लिसरीन और जिलेटिन स्टिक का प्रयोग किया गया था. हालांकि बाद में इसकी पुष्टि केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला टीम ने भी की. एनआईए इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.