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पहली महिला CJI बनकर ये जज रचेंगी इतिहास, राष्ट्रपति ने अप्रूव किए इतने नाम

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की ओर से प्रस्तावित किए गए 9 नामों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने अनुमति दे दी है. अब सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए फाइल आगे बढ़ा दी गई है.

Updated on: 26 Aug 2021, 05:02 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की ओर से प्रस्तावित किए गए 9 नामों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने अनुमति दे दी है. अब सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए फाइल आगे बढ़ा दी गई है. ये सभी जज अगले हफ्ते शपथ ले सकते हैं. इस लिस्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना का भी नाम है. शपथ लेने के साथ ही जस्टिस बीवी नाथरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बनने की ओर कदम बढ़ाकर इतिहास रच देंगी. सीनियरिटी के अनुसार साल 2027 में नागरत्ना भारत की चीफ जस्टिस बनेंगी.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जिस लिस्ट को अप्रूव किए हैं, उसमें 9 नाम हैं उनमें से 8 हाईकोर्ट के न्यायाधीश हैं और एक सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील. इनमें कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके ओका, सिक्किम हाईकोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी, गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ, तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बीवी नागरत्ना, केरल हाईकोर्ट के जस्टिस सीटी रविकुमार, मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एमएम सुंदरेश, गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस बेला. एम त्रिवेदी और सीनियर अटॉर्नी पीएस नरसिम्हा का नाम शामिल है.

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम के अध्यक्ष चीफ जस्टिस एनवी रमन हैं. जस्टिस यूयू ललित, एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और एल नागेश्वर कॉलेजियम में थे. सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने पहली बार एक बार में 3 महिला जजों के नामों की संस्तुति की है. देश के सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को लेकर भी इस संस्तुति के जरिए संदेश गया है.

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सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जिन 9 जजों के नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के लिए की है, उनमें से 3 भविष्य में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन सकेंगे. फरवरी 2027 में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत के सेवानिवृत्त होने पर जज जस्टिस विक्रम नाथ भारत के चीफ जस्टिस बन जाएंगे. इसके बाद जज जस्टिस बीवी नागरत्ना, जज जस्टिस नाथ की जगह लेंगी, जोकि भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनेंगी. न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल एक माह से अधिक का होगा.